सार
तमिलनाडु में बिहार से काम करने गए मजदूरों के साथ मारपीट के झूठे वीडियो अपलोड करने के मामले में अरेस्ट हुए यूट्यूबर की मुसीबतें और बढ़ गई है। तमिलनाडु पुलिस ने NSA के तहत केस दर्ज किया। वहीं यूट्यूबर ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई जमानत अर्जी।
मदुरै (madurai news). बिहार के मजदूरों के साथ कथित तौर पर तमिलनाडु में हिंसा के मामले में फर्जी वीडियो वायरल करने के आरोप में फंसे यूट्यूबर मनीष कश्यप की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। बिहार के साथ तमिलनाडु में दर्ज तीन शिकायतों के अलावा पुलिस ने उस पर एनएसए (national security Act) के तहत केस दर्ज किया गया है। पिटाई मामले में और भी कई लोगों पर केस दर्ज किए गए है, जिसमें यूट्यूबर मनीष कश्यप मुख्य आरोपी है। फिलहाल मदुरै कोर्ट ने उसकी 15 दिन की न्यायिक हिरासत को और बढ़ाते हुए मदुरै सेंट्रल जेल भेज दिया है।
बिहार से ले गई थी तमिलनाडु पुलिस
दरअसल बिहार से रोजगार की तलाश में तमिलनाडु गए मजदूरों के साथ पिटाई के फेंक वीडियों सोशल मीडिया में अपलोड करने बाद तमिलनाडु में बवाल मचने के बाद यूट्यूबर मनीष पर बिहार के साथ तमिलनाडु में केस दर्ज किए गए। जहां अकेले तमिलनाडु में उसके खिलाफ 13 केस दर्ज किए गए। केस दर्ज होने के बाद यूट्यूबर फरार हो गया था जिसे पकड़ने के लिए आर्थिक अपराध यूनिट ने केस दर्ज कर बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिए। इसके साथ उसके घर की कुर्की करने की तैयारी कर ली थी तभी मनीष ने बिहार में खुद को सरेंडर कर दिया था। जहां से उसे 20 मार्च को तमिलनाडु पुलिस अपने साथ ले गई थी। जहां से 22 मार्च को कोर्ट में पेश करने के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
राष्ट्रीय सुरक्षा के तहत दर्ज हुआ केस, बढ़ाई 15 दिन की हिरासत
यूट्यूबर मनीष कश्यप को तमिलानाडु पुलिस ने फर्जी वीडियो मामले में मदुरै कोर्ट में 22 मार्च के दिन पेश किया था जहां से उन्हें 15 दिन की न्यायिक हिरासत मिली थी। कल बुधवार के दिन पुलिस ने उसे पूछताछ करने के बाद फिर से कोर्ट में पेश किया गया जहां से मदुरै जिला कोर्ट ने न्यायिक हिरासत को और 15 दिन यानि 19 अप्रैल तक बढ़ाते हुए जेल भेज दिया।
सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया
बता दे जहां एक और मदुरै कोर्ट ने मनीष कश्यप की न्यायिक 15 दिन की बढ़ा दी गई है। वहीं बुधवार 5 अप्रैल के दिन उसने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। जिसमें उसने अपनी जमानत की अर्जी देने के साथ अलग अलग राज्यों में दर्ज की सभी एफआईआर को एक ही जगह करने की मांग की है।
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