मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पटना में कहा कि भारत सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। सरकार भगवान श्रीकृष्ण के लीला स्थलों पर “श्रीकृष्ण पाथेय” विकसित कर रही है। गीता भवन और सांदीपनि विद्यालय भी संस्कृति और शिक्षा को बढ़ावा देंगे।

भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। हमारे पूर्वजों ने लोकतंत्र रूपी पौधे की जड़ों को इतने सुंदर ढंग से सींचा कि आज यह एक विशाल वटवृक्ष बन चुका है।

उन्होंने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण सच्चे अर्थों में लोकतांत्रिक व्यवस्था के समर्थक थे। अपने शासन में उन्होंने सबके विचारों का सम्मान किया और लोकतांत्रिक मूल्यों को महत्व दिया। हमारी सरकार भी भगवान श्रीकृष्ण के बताए मार्ग पर चल रही है। उनके विचार हमारे लिए अनमोल धरोहर हैं।

श्रीकृष्ण पाथेय और लीला स्थलों का विकास

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार भगवान श्रीकृष्ण की स्मृतियों को स्थायी बनाने के लिए मध्यप्रदेश और देशभर में उनके लीला स्थलों को चिन्हित कर “श्रीकृष्ण पाथेय” विकसित कर रही है। इन स्थलों को तीर्थ के रूप में विकसित किया जाएगा ताकि आने वाली पीढ़ियां हमारी सांस्कृतिक धरोहर से जुड़ सकें।

रविवार को पटना (बिहार) में आयोजित जन समरस सांस्कृतिक सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने यह बात कही। यह सम्मेलन अखिल भारतीय यादव महासभा अहीर, बिहार इकाई द्वारा आयोजित समाज सुधार श्रृंखला का हिस्सा था।

भगवान श्रीकृष्ण- लोकतंत्र के रक्षक और यदुकुल के गौरव

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण यदुकुल के महान गौरव और योगीराज थे। वे सभी कलाओं में निपुण थे। केवल 11 वर्ष की उम्र में उन्होंने कंस जैसे अत्याचारी राजा का वध कर लोकतंत्र के मूल्यों की रक्षा की।

उन्होंने कहा कि गीता का ज्ञान पूरे विश्व को देने वाले श्रीकृष्ण के सम्मान में मध्यप्रदेश के हर नगरीय निकाय में गीता भवन बनाए जाएंगे। साथ ही, भगवान श्रीकृष्ण के गुरु सांदीपनि के नाम पर राज्य में 300 से अधिक सांदीपनि विद्यालय स्थापित किए जा रहे हैं, ताकि गुरुकुल शिक्षा पद्धति को प्रोत्साहन मिल सके।

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पाटलिपुत्र और अवन्तिका की ऐतिहासिक पहचान

मुख्यमंत्री ने बताया कि पाटलिपुत्र (पटना) और अवन्तिका (उज्जैन) देश के सबसे पुराने नगर हैं। प्राचीन समय में पाटलिपुत्र में सम्राट और अवन्तिका में युवराज विराजते थे।

उन्होंने कहा कि बिहार से ही बौद्ध धर्म के विचार पूरी दुनिया में फैले। इस धरती ने दुनिया को शांति, अहिंसा और सामाजिक सद्भावना का संदेश दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की पहचान हमारी समृद्ध संस्कृति है। विदेश में भी जब कोई कहता है कि वह राम, कृष्ण और बुद्ध की धरती से है, तो लोग तुरंत समझ जाते हैं कि वह भारतीय है। यही हमारी असली पहचान है।

बिहारवासियों को मध्यप्रदेश आने का आमंत्रण

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बिहार के लोगों को मध्यप्रदेश आने का निमंत्रण दिया। उन्होंने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण ने अपना बाल्यकाल मध्यप्रदेश में बिताया था। सांदीपनि आश्रम में ही उनकी शिक्षा-दीक्षा हुई और यहीं उनकी व सुदामा की अनंत दोस्ती की शुरुआत हुई।

उन्होंने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि मध्यप्रदेश के कण-कण में श्रीकृष्ण की लीलाओं और स्मृतियों का वास है।

सुशासन और समग्र विकास पर बल

मुख्यमंत्री ने कहा कि सबका विकास और लोक कल्याण ही अच्छे शासन का लक्ष्य है। मध्यप्रदेश सरकार का प्रयास है कि हर जरूरतमंद तक योजनाओं और सुविधाओं का लाभ पहुंचे।

उन्होंने कहा कि हम “विरासत से विकास” की अवधारणा को अपनाकर देश की प्रगति में योगदान देने के लिए पूरी तरह समर्पित हैं।

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