इंदौर में नाबालिग सौतेली बेटी से बलात्कार के दोषी पिता को दोहरी उम्रकैद की सजा दी गई। उसे POCSO व IT एक्ट के तहत भी सजा, ₹20,000 जुर्माना और पीड़िता को ₹3 लाख का मुआवजा देने का आदेश हुआ।

इंदौर: इंदौर की जिला एवं सत्र न्यायालय ने अपनी सौतेली बेटी से बलात्कार के एक आरोपी को दोहरी उम्रकैद की सजा सुनाई है। लोक अभियोजक अभिजीत सिंह राठौर ने फैसले के बारे में और जानकारी देते हुए बताया कि इंदौर की जिला एवं सत्र न्यायालय में एक विशेष रूप से गठित पॉक्सो अदालत न्यायाधीश नौशीन खान ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। राठौर ने बताया, “इस मामले में, अपनी सौतेली बेटी से छेड़छाड़ के आरोपी एक सौतेले पिता को अलग-अलग धाराओं के तहत दोहरी उम्रकैद की सजा दी गई है। 

क्या है पूरा मामला

यह मामला एक नाबालिग लड़की का है जिसके पिता की मौत हो चुकी थी। उसकी मां ने दूसरे आदमी से शादी कर ली थी। शादी के तुरंत बाद, सौतेले पिता ने लड़की का बार-बार यौन शोषण करना शुरू कर दिया। उसने लड़की को यह भी धमकी दी कि अगर उसने इस बारे में किसी को बताया तो वह उसे जान से मार देगा। राठौर ने बताया कि सौतेला पिता कुछ समय के लिए घर छोड़कर चला गया था और 1.5 साल बाद वापस आया और फिर से नाबालिग लड़की के साथ ज्यादती करने लगा। मामले को सार्वजनिक होने से रोकने के लिए सौतेले पिता ने माँ और बेटी के आपत्तिजनक वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल करने की भी कोशिश की, ताकि मामला पुलिस तक न पहुंचे।

इस मामले में पुलिस इंस्पेक्टर सतीश पटेल ने पूरी जांच की। सबूत इकट्ठा किए और अदालत में चार्जशीट पेश की। सहायक जिला लोक अभियोजक लतिका जामरा ने कोर्ट में मामला पेश किया। सभी तथ्यों और दस्तावेजों की जांच के बाद, अदालत ने सौतेले पिता को धारा 5 और 6 के तहत अलग-अलग उम्रकैद की सजा सुनाई। उसे पॉक्सो अधिनियम की धारा 13 और 14 के तहत 7 साल के कठोर कारावास और आईटी अधिनियम के तहत 3 साल की कैद की सजा भी दी गई। राठौर ने बताया कि 20,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। पीड़िता को उसकी मानसिक और शारीरिक पीड़ा के लिए पीड़ित मुआवजा योजना के तहत 3 लाख रुपये के मुआवजे का आदेश जारी किया गया।