सार
ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में स्थित राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय में बुधवार को क्षेत्रीय उद्योग सम्मेलन का तीसरा संस्करण सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। इसका उद्देश्य राज्य में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देकर संतुलित और समान विकास को बढ़ावा देना था।
कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया शामिल हुए। राज्य में निवेश आकर्षित करने के इस पहल में 4,000 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया। इनमें कनाडा, नीदरलैंड, टोगो, जाम्बिया, मैक्सिको और कोस्टा रिका जैसे 6 देशों के 15 अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि शामिल थे।
उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात, कर्नाटक, हरियाणा, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना जैसे 15 से अधिक राज्यों के निवेशकों ने भी सम्मेलन में हिस्सा लिया। पर्यटन, आईटी, फुटवियर, कृषि और फूड प्रोसेसिंग जैसे क्षेत्रों से 150 से अधिक कारोबारियों ने मध्य प्रदेश में निवेश करने में रुचि दिखाई।
सम्मेलन के दौरान पांच विभागों औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खनिज संसाधन, पर्यटन तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी ने प्रेजेंटेशन दिया।
सम्मेलन में मध्य प्रदेश सरकार के औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के प्रमुख सचिव राघवेंद्र कुमार सिंह ने कहा, "मध्य प्रदेश ने मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में महत्वपूर्ण औद्योगिक विकास किया है। इन्वेस्ट एमपी समिट रोड शो से 48,300 से अधिक नौकरियां पैदा होने और 17,000 करोड़ से अधिक निवेश आकर्षित होने की उम्मीद है।"
पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला ने पर्यटन क्षेत्र में विभिन्न संभावनाओं पर चर्चा की। उन्होंने कहा, "मध्य प्रदेश सांस्कृतिक रूप से समृद्ध और भविष्य के लिए तैयार है। यहां पर्यटन के क्षेत्र में निवेश के असीमित अवसर हैं।"
MSME विभाग के सचिव डॉ. नवनीत कोठारी ने कहा, "मध्य प्रदेश में 13.66 लाख MSME हैं। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हमारे MSME ने पर्याप्त वृद्धि की है। इससे रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं। ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में 9 लाख से अधिक लोगों को MSME से रोजगार मिला है।"
खनिज संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव संजय शुक्ला ने कहा "भारत के कोयला उत्पादन का मध्य प्रदेश का हिस्सा 16% है। तांबा अयस्क, मैंगनीज अयस्क और हीरे के उत्पादन में राज्य पहले स्थान पर है। एमपी प्रचुर संसाधनों, मजबूत नीतियों, बुनियादी ढांचे और कुशल जनशक्ति के साथ खनन क्षेत्र में पर्याप्त निवेश आकर्षित करने के लिए अच्छी स्थिति में है।"
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे ने कहा, "मध्य प्रदेश में आईटी क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। राज्य सुरक्षा, जीवन की सुगमता और आईटीईएस सेवाओं के लिए अति आवश्यक अतिरिक्त बिजली के साथ अनुकूल वातावरण प्रदान करता है। यह महत्वपूर्ण प्राकृतिक खतरों से मुक्त है। यहां तकनीकी रूप से कुशल वर्कफोर्स की कमी नहीं है।"
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