- Home
- States
- Madhya Pradesh
- MP सीहोर बोरवेल हादसा-मां की आंखों के सामने खेलते हुए गड्ढे में गिरी थी सृष्टि, डेढ़ घंटे तक घुप्प अंधेरे में सुबकते हुए पुकारती रही
MP सीहोर बोरवेल हादसा-मां की आंखों के सामने खेलते हुए गड्ढे में गिरी थी सृष्टि, डेढ़ घंटे तक घुप्प अंधेरे में सुबकते हुए पुकारती रही
मध्य प्रदेश के सीहोर जिला हेडक्वार्टर से सटे गांव बड़ी मुंगावली में बोरवेल में फंसी ढाई साल की मासूम सृष्टि का रेस्क्यू ऑपरेशन नाकाम रहा है। सृष्टि 6 जून की दोपहर करीब 1 बजे खेलते हुए 300 फीट गहरे खुले पड़े बोरवेल में जा गिरी थी।
| Published : Jun 09 2023, 07:22 AM IST / Updated: Jun 09 2023, 07:30 AM IST
- FB
- TW
- Linkdin
सीहोर. मध्य प्रदेश के सीहोर जिला हेडक्वार्टर से सटे गांव बड़ी मुंगावली में बोरवेल में फंसी ढाई साल की मासूम सृष्टि का रेस्क्यू ऑपरेशन नाकाम रहा है। सृष्टि 6 जून की दोपहर करीब 1 बजे खेलते हुए 300 फीट गहरे खुले पड़े बोरवेल में जा गिरी थी। करीब 51 घंटे की मशक्कत के बाद 8 जून को सृष्टि को जब बाहर निकाला गया, तब वो दुनिया छोड़ चुकी थी। आंखों के सामने बेटी को बोरवेल में गिरने की घटना याद करके मां फूट-फूटकर रोने लगती है। सृष्टि की मां रानी कुशवाह रोते हुए बोलीं कि वो बोरवेल से निकली रेत के ढेर पर खेलने चली गई थी। जब तक उनकी और दादी की नजर पड़ती, वो बोरवेल में गिर चुकी थी।
सृष्टि की मां रानी के मुताबिक, बोरवेल में फंसी सृष्टि रोते हुए उन्हें पुकार रही थी। दादी कलावती ने शोर मचाकर लोगों बुलाया। कुछ मिनट में ही पूरा गांव इकट्टा हो गया था। मासूम की मौत अब CM शिवराज सिंह ने दु:ख जताते हुए बोरवेल खुला छोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश दिया है।
सृष्टि के पिता राहुल कुशवाह के मुताबिक, बोरवेल में गिरने के डेढ़ घंटे तक उसके रोने और सिसकियों की आवाज आती रही। वे सब ऊपर से उसे आवाज लगाकर दिलासा देते रहे। वो बार-बार उसे आइसक्रीम और चॉकलेट का लालच देते रहे। सृष्टि सिर्फ हां-हूं में जवाब देती रही।
जैसे ही प्रशासन को खबर मिली। कुछ देर में ही SDRF की रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंच गई थी। हालांकि जैसे-जैसे टाइम गुजरता गया, लोगों को बस किसी चमत्कार की ही उम्मीद बची थी।
10-12 फीट नीचे काली चट्टान होने की वजह से पोकलेन और ड्रिल मशीनों की जरूरत पड़ी थी। एसडीएम अमन मिश्रा ने उनका इंतजाम कराया
सृष्टि की मां रानी ने बताया कि उनके घर से बमुश्किल 50 मीटर दूर रहने वाले नन्नू लाल के बेटे गोपाल ने 3 महीने पहले ही ये बोर कराया है। लेकिन जब उसमें पानी नहीं निकला, तो खुला ही छोड़ दिया।
जब NDRF और सेना रेस्क्यू में नाकाम रही, तब गुजरात से बोरवेल रेस्क्यू रोबोट बुलवाए गए। करीब 8 घंटे की कोशिश के बाद रोबोट ने सृष्टि को बाहर निकाला, लेकिन तब तक वो मर चुकी थी।
गुजरात से रोबोटमैन महेश अहीर अपने गैजेट के साथ तुरंत सीहोर के लिए निकले। लेकिन सीधी उड़ान नहीं मिली तो दिल्ली होकर 8 जून की सुबह भोपाल पहुंचे। प्रशासन उन्हें सीहोर के मुंगावली गांव ले गया। लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।
जैसे ही सृष्टि को बाहर निकाला गया, वहां मौजूद डॉक्टर उसे गोद में उठाकर एम्बुलेंस की तरफ भागे। लेकिन अस्पताल में उसे मृत घोषित कर दिया गया।