सीहोर के सेंट मार्टिन स्कूल में होमवर्क न करने पर बच्चों को अर्धनग्न कर ठंड में खड़ा करने की क्रूरता का चौंकाने वाला मामाल प्रकाश में आया है, प्रिंसिपल समरीन खान व कर्मचारियों पर कार्रवाई, स्कूल पर जुर्माना लगाया गया है। जानें पूरी घटना क्या है?
भोपाल। मध्य प्रदेश के सीहोर जनपद अंतर्गत ग्राम जताखेड़ा स्थित सेंट मार्टिन स्कूल में 7वीं के छात्रों ने नवंबर से चल रही प्रताड़ना की व्यथा सुनाई। छात्रों के अनुसार, होमवर्क न करने पर प्रिंसिपल समरीन खान के कहने पर उन्हें ठंड में खड़ा किया जाता था और कपड़े उतरवाए जाते थे। यह घटना तब उजागर हुई जब बच्चों की अर्द्धनग्न तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) संजय सिंह तोमर ने तुरंत स्कूल संचालक को नोटिस जारी किया।
क्यों लगाया गया स्कूल पर जुर्माना और अधिकारियों को हटाया गया?
जिला शिक्षा अधिकारी की जांच में बच्चों के आरोप सही पाए गए। इसके बाद स्कूल पर ₹1 लाख का जुर्माना लगाया गया। साथ ही प्रिंसिपल समरीन खान, ड्राइवर सीबू जाफरी और अन्य कर्मचारी अमरसिंह वर्मा को तत्काल हटाने के आदेश दिए गए। स्कूल पर जुर्माना और हटाने की कार्रवाई ने यह साफ कर दिया कि शैक्षिक संस्थान में बच्चों के साथ शोषण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रबंधन को 7 दिनों के भीतर जुर्माना जमा करने का आदेश भी दिया गया।
क्या बच्चों को केवल होमवर्क न करने पर प्रताड़ित किया गया?
छात्रों ने बताया कि यह प्रताड़ना नवंबर से रोजाना होती थी। ड्राइवर सीबू जाफरी बच्चों से ग्राउंड में पत्थर बिनवाता था और प्रोजेक्ट में कम नंबर देने की धमकी देता था। बच्चों को तिलक लगाने और कलावा बांधने से भी रोका गया, जिससे उनका आक्रोश बढ़ गया। यह सब बताते हुए बच्चों ने अपने अभिभावकों के सामने पूरी कहानी रखी, जिससे यह मामला स्कूल के भीतर की बड़ी साजिश और अनुचित व्यवहार के रूप में सामने आया।
क्या बच्चों को रोजाना सजा दी जा रही थी?
पीड़ित बच्चों ने अभिभावकों के सामने बताया कि नवंबर से यह क्रूरता रोजाना होती थी। प्रोजेक्ट में कम नंबर देने की धमकी, ग्राउंड पर पत्थर बिनवाना और कपड़े उतरवाना जैसी सजा बच्चों के लिए आम बात बन गई थी। बच्चों का कहना है कि यह सब प्रिंसिपल के निर्देश पर होता था।
क्या समाज और संगठन इसे बर्दाश्त कर पाएंगे?
इस घटना के बाद विहिप, बजरंग दल और अन्य हिंदू संगठनों ने स्कूल के बाहर प्रदर्शन किया। अभिभावकों ने नारेबाजी की और पुलिस, तहसीलदार तथा सीएसपी को घटना की जानकारी दी। कार्यकर्ताओं ने स्कूल गेट पर हनुमान चालीसा का पाठ किया और पुलिस को शिकायत सौंपा।
क्या बच्चों की सुरक्षा अब सुनिश्चित होगी?
जिला शिक्षा अधिकारी ने बच्चों के आरोपों को सही पाया और स्कूल पर कार्रवाई की। यह घटना दिखाती है कि स्कूल को बच्चों के लिए सुरक्षित और सम्मानजनक स्थान बनाना आवश्यक है, न कि डर और प्रताड़ना का। छात्रों और अभिभावकों को सतर्क रहना चाहिए और किसी भी अनुचित शोषण या धमकी की स्थिति में तुरंत अधिकारियों से संपर्क करना चाहिए।


