सार
मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क में चीतों की मौत का सिलसिला रुक नहीं रहा है। 2 अगस्त को मादा चीता मृत पाई गई। मार्च के बाद से यह 9वीं मौत है। मादा चीता धात्री की मौत का कारण जानने के लिए पोस्टमार्टम कराया जा रहा है।
भोपाल. कूनो नेशनल पार्क में बुधवार(2 अगस्त) की सुबह एक और चीते की मौत की खबर है। इस तरह लगभग पांच महीनों में यह कूनो में नौवीं बड़ी बिल्ली की मौत हो गई है। पार्क के अधिकारियों द्वारा जारी एक प्रेस नोट में कहा गया है, "एक मादा चीता, धात्री (तिब्लिसी-Tiblisi) आज सुबह मृत पाई गई। मौत का कारण निर्धारित करने के लिए, पोस्टमार्टम किया जा रहा है।"
कूनो नेशनल पार्क में जिन नौ चीतों की मौत हुई है, उनमें तीन शावक भी शामिल हैं। पिछले साल सितंबर में कूनो में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से 20 वयस्क लाए गए थे। तब से यहां चार शावकों का जन्म हो चुका है। हालांकि पिछले महीने तीन दिनों के दौरान दो नर चीतों की मौत हो चुकी है। तेजस की मौत 11 जुलाई, जबकि सूरज की 14 जुलाई को हुई थी।
कूनो में अब कितने चीते बचे हैं?
प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) असीम श्रीवास्तव ने मादा चीता धात्री की मौत की पुष्टि की है। इसके साथ ही प्रेस रिलीज में लिखा गया कि कूनो राष्ट्रीय उद्यान में इस समय बोमा में 14 चीते(7 नर, 6 माद और 1 मादा शावक) स्वस्थ हैं। उनका लगातार स्वास्थ्य परीक्षण कूनो वन्यप्राणी चिकित्सक टीमऔर नामीबियाई विशेषज्ञों द्वारा किया जा रहा है। बोमा के बाहर विचरण कर रहे शेष 2 मादा चीतों को नामीबियाई विशेषज्ञ एवं कूनो वन्यप्राणी चिकित्सकऔर प्रबंधन टीम द्वारा लगातार मानिटर किया जा रहा है। उनके हेल्थ परीक्षण के लिए बोमा में लाए जाने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
बता दें कि बोमा(Boma) एक पारंपरिक अफ्रीकी तकनीक है। यह एक विशेष बाड़ा है। एक विशेष रूप से तैयार किया गया बाड़ा, जिसे प्री-रिलीज़िंग सेंटर भी कहा जाता है, जो 500 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र को कवर करता है। यह चीतों को उनके नए आवास में अनुकूलन के लिए तैयार किया गया है।
70 साल बाद नामीबिया से भारत लाए गए थे चीते
भारत में चीतों को बसाने के लिए केंद्र सरकार लंबे समय से प्रयासरत रही है। 70 साल बाद दक्षिण अफ्रिका और नामीबिया से यहां चीते लाए गए थे। पहली खेप में नामीबिया से 8, जबकि दूसरी खेप में दक्षिण अफ्रिका से 12 चीते आए थे। कूनो नेशनल पार्क मध्य प्रदेश के श्योपुर में है। चीतों की पहली खेप को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न अपने जन्मदिन पर कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था।
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