सार

मध्य प्रदेश के शहडोल में एक व्यक्ति ने पिता की चिता को आग लगाने से इनकार कर दिया, जब तक कि उसकी मां ने उसे 2.5 लाख रुपये नहीं दिए। मां की लाख मिन्नतों के बाद भी बेटा नहीं माना तो अंततः पत्नी को ही अपने पति की चिता को आग लगानी पड़ी।

भोपाल: मध्य प्रदेश के शहडोल में एक कलयुगी बेटे ने अपने ही पिता की चिता को आग लगाने से इनकार कर दिया. बेटे ने पिता की चिता को आग लगाने के लिए 2.5 लाख रुपये की शर्त रख दी. मां ने फोन पर बेटे को रो-रोकर विनती की कि वह गाँव आकर पिता का अंतिम संस्कार कर दे, लेकिन बेटे ने एक न सुनी. मां के लाख मिन्नतें करने के बाद भी जब बेटा नहीं माना तो अंततः पत्नी को ही अपने पति की चिता को आग लगानी पड़ी. 

रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह घटना मध्य प्रदेश के बैहर पुलिस थाना क्षेत्र के कछियाना टोला के वार्ड नंबर 11 में हुई. यह घटना 10 दिन पहले की है, जो अब जाकर सामने आई है. 10 दिन पहले राम स्वरूप बर्मन नामक व्यक्ति की मृत्यु हो गई थी. मां ने बेटे को फोन करके बताया कि तुम्हारे पिता की मृत्यु हो गई है, तुम आकर अंतिम संस्कार कर दो. इस पर बेटे ने कहा कि पहले गांव में जो घर है उसे बेचकर ढाई लाख रुपये मेरे खाते में डाल दो, उसके बाद ही मैं आऊंगा. मां, परिवार और गांव के मुखिया ने बहुत समझाया लेकिन वह किसी की बात मानने को तैयार नहीं हुआ. 

जब बेटा अंतिम संस्कार करने को तैयार नहीं हुआ तो मृतक की पत्नी पार्वती ने खुद ही सारे रस्मों को पूरा करने का फैसला किया. वे खुद ही अर्थी के आगे-आगे कंधा देकर श्मशान घाट तक गईं. श्मशान घाट पर भी काफी देर तक बेटे के आने का इंतजार किया गया. आखिरकार उन्होंने खुद ही सारी रस्में पूरी की और अपने पति की चिता को आग दी. इस दौरान पूरा गांव पार्वती के साथ था.

 

अंतिम संस्कार के बाद भी महिला को उम्मीद थी कि दसवें के कार्यक्रम में उसका बेटा जरूर आएगा. लेकिन जब दसवें के कार्यक्रम के बाद भी बेटा नहीं आया तो महिला अपनी बेटियों के साथ सीधे पुलिस थाने पहुंची और बेटे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. पार्वती ने पुलिस से बेटे के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.

राम स्वरूप बर्मन और पार्वती दंपति की दो बेटियां और एक बेटा है. शादी के बाद से ही बेटा मनोज पैसे के लिए अपने माता-पिता से झगड़ा करता रहता था. बाद में वह अपने माता-पिता से अलग बैहर में किराए के घर में अपनी पत्नी के साथ रहने लगा था. बताया जा रहा है कि जब भी मनोज गांव आता था तो अपने माता-पिता से पैसे के लिए झगड़ा करता था.