सार

30,000 करोड़ रुपए से अधिक की बैंक धोखाधड़ी के मामले में जेल में बंद वधावन बंधु को फर्जी इलाज के नाम पर जेल से बाहर लाने और वीआईपी सुविधाएं देने के चलते मुंबई पुलिस ने सात जेल अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है।

मुंबई। वधावन बंधु (कपिल वधावन और धीरज वधावन) को फर्जी इलाज के नाम पर जेल से बाहर ले जाने और उन्हें VIP सुविधाएं देने के मामले में मुंबई पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। सात जेल अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। वधावन बंधु तलोजा जेल में बंद हैं। उन्हें मेडिकल चेकअप के नाम पर जेल से बाहर ले जाया गया था।

वधावन बंधु मेडिकल चेकअप के नाम पर अस्पताल जाते थे। वे इस दौरान बाहर घूमते थे और अपने परिवार के लोगों से मिलते थे। वधावन बंधु को 30,000 करोड़ रुपए से अधिक की बैंक धोखाधड़ी के मामले में जेल में बंद किया गया है।

जेल से बार-बार बाहर आए वधावन बंधु

एक टीवी चैनल ने खुलासा किया है कि कपिल वधावन और धीरज वधावन बार-बार जेल से बाहर आए। उन्हें फर्जी इलाज के नाम पर हॉस्पिटल लाया गया। इस दौरान पुलिस एस्कॉर्ट की देखरेख में दोनों को परिवार के लोगों ने खाना खिलाया। उन्होंने मोबाइल से बात की और लैपटॉप इस्तेमाल किया। यहां तक ​​कि उन्होंने व्यापारिक सौदे किए। यह सब हॉस्पिटल में खड़ी वधावन बंधु की कार में हुआ। कार का इस्तेमाल किसी ऑफिस की तरह किया गया।

मेडिकल चेकअप के नाम पर आए जेल से बाहर
कपिल वधावन सात अगस्त को मेडिकल चेकअप के नाम पर जेल से निकलकर केईएम हॉस्पिटल आया था। वह डॉक्टर के पास जाने के बदले अस्पताल की पार्किंग में गया। वहां उसके परिवार के लोग और सहयोगी अपनी निजी कारों के साथ उसका इंतजार कर रहे थे। दो दिन बाद धीरज वधावन भी मेडिकल जांच के बहाने तलोजा जेल से जेजे अस्पताल के लिए निकला। उसने भी हॉस्पिटल की पार्किंग में परिवार के लोगों और सहयोगियों से मुलाकात की।

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मामला प्रकाश में आने पर मुंबई पुलिस ने उन अधिकारियों को निलंबित कर दिया जो दोनों भाइयों की एस्कॉर्ट टीम का हिस्सा थे। दोनों भाइयों पर 17 बैंकों को धोखा देने का केस चल रहा है। दोनों के खिलाफ सीबीआई और पुलिस ने छह केस दर्ज किए हैं। ईडी भी उनके खिलाफ जांच कर रही है।