सार

एनसीपी प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने उद्धव ठाकरे को सलाह दी है कि चुनाव आयोग के फैसले को स्वीकार करें और नया चुनाव चिह्न लें। उन्होंने कहा कि चिह्न बदलने से फर्क नहीं पड़ेगा।

मुंबई। चुनाव आयोग (Election Commission) ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट को असली शिवसेना मानते हुए पार्टी का चुनाव चिह्न तीर-कमान दे दिया था। उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग के फैसले को कोर्ट में चुनौती देने का फैसला किया है। उन्होंने पार्टी की बैठक भी बुलाई है। दूसरी ओर एनसीपी (Nationalist Congress Party) प्रमुख शरद पवार ने उद्धव को चुनाव आयोग का फैसला स्वीकार करने की सलाह दी है। उन्होंने उद्धव को नया चुनाव चिह्न लेने के लिए कहा है। शरद पवार ने कहा कि चिह्न बदलने से फर्क नहीं पड़ता है। लोग नए चुनाव चिह्न को स्वीकार कर लेंगे।

लोग स्वीकार कर लेंगे नया चिह्न

शरद पवार ने कहा, "यह चुनाव आयोग का फैसला है। अगर कोई फैसला दिया जाता है तो उसपर कोई चर्चा नहीं होनी चाहिए। इसे स्वीकार करना चाहिए और नया सिंबल लेना चाहिए। चुनाव चिह्न छिन जाने से बहुत अधिक नुकसान नहीं होता। लोग नए चुनाव चिह्न को स्वीकार कर लेंगे।"

पवार ने कहा कि कई साल पहले कांग्रेस का चुनाव चिह्न भी बदल गया था। लोगों ने जिस तरह कांग्रेस के नए सिंबल को स्वीकार कर लिया उसी तरह उद्धव ठाकरे गुट का नया सिंबल भी स्वीकार कर लेंगे। उन्होंने कहा, "मुझे याद है इंदिरा गांधी ने भी इस तरह की स्थिति का सामना किया था। कांग्रेस का चुनाव चिह्न दो बैलों की जोड़ी था। बाद में उन्हें यह चिह्न गंवाना पड़ा था और हाथ को स्वीकार करना पड़ा था।"

उद्धव ठाकरे बोले चोरों को मिला पवित्र ‘धनुष-बाण’
उद्धव ठाकरे ने कहा कि चोरों को पवित्र 'धनुष और बाण' दिया गया है। उसी तरह 'मशाल' भी ले सकते हैं। मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि अगर वे मर्द हैं तो चोरी का 'धनुष-बाण' लेकर हमारे सामने आओ, हम 'मशाल' लेकर चुनाव लड़ेंगे।' यह हमारी परीक्षा है, लड़ाई शुरू हो गई है। उद्धव ठाकरे ने कहा, "मैं कहना चाहता हूं कि उन्हें बालासाहेव ठाकरे का चेहरा चाहिए। उन्हें चुनाव चिन्ह चाहिए, लेकिन शिवसेना का परिवार नहीं। पीएम नरेंद्र मोदी को महाराष्ट्र आने के लिए बाला साहेब ठाकरे के मास्क की जरूरत है। महाराष्ट्र के लोग जानते हैं कौन सा चेहरा असली है और कौन नहीं।"

चुनाव आयोग के फैसले से नाराज है उद्धव ठाकरे गुट
बता दें कि चुनाव आयोग द्वारा पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न शिंदे गुट को दिए जाने से उद्धव ठाकरे गुट नाराज है। वहीं, शिंदे गुट ने चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत किया है। उद्धव ठाकरे गुट ने कहा है कि वे चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। इसके साथ ही उद्धव ठाकरे गुट ने चुनाव आयोग पर बीजेपी के एजेंट के रूप में काम करने का आरोप लगाया है।

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शिवसेना में हुई थी बगावत
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद शिवसेना ने महा विकास अघाड़ी नाम का गठबंधन किया था। इसमें शिवसेना के साथ एनसीपी और कांग्रेस शामिल थे। मुख्यमंत्री शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे थे। पिछले साल शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने पार्टी के विधायकों को साथ लेकर बगावत कर दिया था। इसके चलते उद्धव ठाकरे की सरकार गिर गई थी। बीजेपी के सपोर्ट से शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट ने सरकार बनाई थी और एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने थे। इसके बाद से शिवसेना के दोनों गुटों के बीच पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न को लेकर विवाद था। इसके बाद मामला चुनाव आयोग के पास पहुंचा था।

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