सार
रतन टाटा को आज उद्योग रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने उन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया है।
महाराष्ट्र। उद्योगपति रतन टाटा को उद्योग रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। प्रदेश के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम अजीत पवार और देवेंद्र फड़नवीस ने शनिवार को एक देश के इस प्रतिष्ठित उद्योगपति को उनके आवास पर सम्मानित किया। महाराष्ट्र सरकार की ओर से यह पुरस्कार स्वीकार करने के लिए सीएम शिंदे ने रतन टाटा का आभार भी व्यक्त किया।
महाराष्ट्र सरकार की ओर से पहली बार उद्योग रत्न पुरस्कार
सीएम शिंदे ने बताया कि महाराष्ट्र सरकार की ओर से पहली बार उद्योग रत्न पुरस्कार शुरू किया गया है। देश के विकास में रतन टाटा और टाटा ग्रुप का बहुत बड़ा योगदान रहा है। महाराष्ट्र सरकार की ओर दिए गए इस पुरस्कार को उन्होंने स्वीकर कर लिया यह बड़ी बात है। पुरस्कृत होने के बाद 85 वर्षीय रतन टाटा ने सभी को धन्यवाद दिया। देवेंद्र फड़नवीस ने शुभकामना देते हुए उनकी लंबी आयु की कामना की।
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आवारा जानवरों की सुरक्षा की अपील
ठीक एक महीने पहले रतन टाटा ने मानसून के मौसम में आवारा जानवरों की सुरक्षा के लिए पहल कर ध्यान आकर्षित किया था। टाटा ने सीधे जनता से संपर्क किया और चार पहिया वाहनों चालकों से अपने इंजन शुरू करने से पहले सावधानी बरतने को कहा।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बरसात के मौसम में आवारा बिल्लियां, कुत्ते और अन्य जानवर अक्सर खड़ी कारों के नीचे शरण लेते हैं। उन्होंने वाहन मालिकों को इन जानवरों को अनजाने में नुकसान पहुंचाने से बचाने के लिए गाड़ी स्टार्ट करने से पहले वाहन के नीचे चेक करें कि कहीं कोई जानवर न बैठा हो।
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बारिश में आवारा जानवरों को बचाने के लिए टाटा की अपील
रतन टाटा का संदेश मानसून के दौरान इन जानवरों के लिए अस्थायी आश्रय बनाने की भावना को बढ़ावा देने तक फैला हुआ है। एक ट्वीट में उद्योगपति रतन टाटा ने कहा था कि मानसून की शुरुआत कई आवारा जानवरों को खड़े चारपहिया वाहनों के नीचे शरण लेने के लिए प्रेरित करते हैं। उन्होंने अपील की कि वाहनों को शुरू करने से पहले उनकी उपस्थिति की जांच करने में सतर्कता बरतें, क्योंकि ध्यान न देने पर जानवरों को गंभीर चोट लगने के साथ वह दिव्यांग भी हो सकते हैं या उनकी जान भी जा सकती है।
रतन टाटा को उद्योग रत्न पुरस्कार से सम्मानित करते हुए महाराष्ट्र के नेतृत्व ने न केवल उनकी महत्वपूर्ण औद्योगिक उपलब्धियों को स्वीकार किया, बल्कि पर्यावरण को साझा करने वाले लोगों की सुरक्षा और देखभाल के लिए उनके प्रयासों को भी स्वीकार किया।