मुंबई में मराठा आरक्षण को लेकर मनोज जरांगे पाटिल आज आजाद मैदान में अनशन करेंगे। हजारों समर्थकों की भीड़, 1,500+ पुलिसकर्मी तैनात, ट्रैफिक बंद। आंदोलन का केंद्र: कुनबी प्रमाणपत्र के जरिए OBC कोटा। आंदोलन के ताज़ा अपडेट जानें।

Manoj Jarange Patil Hunger Strike: महाराष्ट्र की राजनीति एक बार फिर गरमाई हुई है। मराठा आरक्षण आंदोलन (Maratha reservation protest Mumbai) के मुखर नेता मनोज जरांगे पाटिल आज (29 अगस्त) से मुंबई के आज़ाद मैदान में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठने जा रहे हैं। यह आंदोलन केवल एक विरोध नहीं बल्कि राज्यभर में सामाजिक न्याय और राजनीतिक समीकरणों का संतुलन बदलने वाला कदम माना जा रहा है।

क्यों चर्चा में है मराठा आरक्षण आंदोलन?

मराठा समुदाय लंबे समय से शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग कर रहा है। जरांगे पाटिल का तर्क है कि सभी मराठों को कुनबी जाति के तहत मान्यता दी जाए ताकि वे OBC कोटा का लाभ उठा सकें। उनका कहना है कि मराठों के लिए अलग से आरक्षण अदालत में टिकना मुश्किल है, इसलिए कुनबी प्रमाणपत्र ही एक स्थायी समाधान है।

मुंबई में बढ़ाई गई सुरक्षा, सड़कों पर कर्फ्यू जैसे हालात

इस आंदोलन को लेकर मुंबई में 1500 से ज्यादा पुलिसकर्मियों के साथ CRPF, RAF और CISF की टीमें तैनात कर दी गई हैं। अधिकारियों को उम्मीद है कि 20,000 से ज्यादा प्रदर्शनकारी आज़ाद मैदान में पहुंचेंगे। भीड़ को संभालने के लिए गणेशोत्सव सुरक्षा बलों को भी विरोध स्थल पर भेजा गया है। ट्रैफिक पुलिस ने सायन-पनवेल हाईवे, ईस्टर्न फ्रीवे, डॉ दादाभाई नौरोजी रोड और वालचंद हीराचंद मार्ग सहित कई प्रमुख सड़कों को शुक्रवार सुबह 6 बजे से बंद कर दिया है। इससे मुंबई में यातायात प्रभावित है।

रेलवे स्टेशन पर तैनात अतिरिक्त सुरक्षा

CSMT स्टेशन पर आंदोलनकारियों का जमावड़ा बढ़ने से रेलवे सुरक्षा बल और महाराष्ट्र सुरक्षा बल के जवानों की तैनाती भी बढ़ा दी गई है। भगवा टोपी, स्कार्फ और झंडों के साथ आंदोलनकारी जुलूस के रूप में स्टेशन से आज़ाद मैदान की ओर बढ़ रहे हैं।

राजनीतिक दबाव में महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आंदोलन को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि राज्य सरकार मराठा समुदाय की समस्याओं का समाधान करने के लिए तैयार है, लेकिन राजनीतिक आरक्षण पर त्वरित निर्णय संभव नहीं। इस बयान के बावजूद मराठा कार्यकर्ता सरकार से ठोस कदम की उम्मीद कर रहे हैं।

आंदोलन की पृष्ठभूमि और असर

मनोज जरांगे का यह आंदोलन कोई नया नहीं है। 2023 में जालना जिले के अंतरवाली सारथी गांव में हुए उनके भूख हड़ताल आंदोलन के बाद 8 लाख से ज्यादा कुनबी प्रमाणपत्र जारी किए गए थे। इससे हजारों मराठा परिवारों को OBC कोटा का लाभ मिला। आज का आंदोलन महाराष्ट्र की राजनीति के लिए एक अग्नि-परीक्षा माना जा रहा है क्योंकि इससे चुनावी समीकरण भी बदल सकते हैं।