मुंबई BMC चुनाव 2025 में मराठी वोटरों के लिए आखिरी मौका? राज ठाकरे की चेतावनी, BJP का हिंदू फ़र्स्ट संदेश और MNS-UBT की नई नज़दीकी शहर की राजनीति में नई टकराहट ला रही है। क्या मुंबई में मराठी पहचान की सबसे बड़ी लड़ाई शुरू हो चुकी है?   

Mumbai BMC Election 2025: मुंबई में होने वाले BMC चुनावों को लेकर राजनीतिक तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है। इस बार मुद्दा सिर्फ विकास या प्रशासन का नहीं, बल्कि पहचान का भी बन गया है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे का ताज़ा बयान इसी तनाव को और गहरा कर रहा है। उन्होंने मराठी लोगों को चेताते हुए कहा कि यह BMC चुनाव उनके लिए “आखिरी ज़रूरी चुनाव” साबित हो सकता है। राज ठाकरे का संकेत साफ है कि अगर मराठी समुदाय ने इस बार लापरवाही दिखाई, तो मुंबई पर किसी और का नियंत्रण हो सकता है, जिसका असर आने वाले कई दशकों तक दिखाई देगा।

कहां क्या बोले राज ठाकरे?

मुंबई के सेवरी में कोंकण फेस्टिवल में बोलते हुए राजसाहेब ठाकरे ने कहा, “रात खराब है... लापरवाही मत करना.. अपने आस-पास नज़र रखना... मुंबई पर कब्ज़ा करने का प्लान है, इसलिए सावधान रहना। अपने आस-पास वोटर कौन हैं, कौन नकली हैं, इस पर कड़ी नज़र रखना। यह मराठी लोगों के लिए आखिरी मुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन चुनाव होगा। अगर यह चुनाव हार गए, तो मुंबई मराठी लोगों के हाथ से निकल जाएगी।”

क्या यह BMC चुनाव मराठी लोगों के लिए आखिरी मौका है?

राज ठाकरे ने कहा, “मराठी लोगों के लिए, यह BMC चुनाव आखिरी ज़रूरी चुनाव होगा। अगर हमने ध्यान नहीं दिया, तो मुंबई पर नियंत्रण खो सकते हैं।।” उन्होंने वोटर लिस्ट और असली-नकली वोटरों की चिंता भी जताई। उनका कहना है कि चुनाव आयोग के वोटर रोल को संभालने के तरीके में कई कमज़ोरियां हैं। ये बयान ऐसे समय में आया है जब मुंबई की राजनीति में नए समीकरण बन रहे हैं-BJP का हिंदुत्व कार्ड, MNS और UBT की नज़दीकी, कांग्रेस की असहज स्थिति और NCP की खुली रणनीति सब मिलकर चुनाव को असाधारण बना रहे हैं।

MNS और BJP के बीच नई राजनीतिक टकराहट

जैसे ही MNS अपनी मराठी पहचान पर जोर दे रही है, BJP ने ‘हिंदू फ़र्स्ट’ संदेश के साथ जवाब दिया। मुंबई MLA अमित साटम और मंत्री आशीष शेलार ने साफ किया कि अगर BJP सत्ता में आती है तो मुंबई का मेयर एक हिंदू होगा। यह स्थिति शहर में भाषाई और धार्मिक पहचान के मुद्दों को लेकर सियासी टकराहट को और बढ़ा रही है।

राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे की नई नज़दीकी

राज और उनके चचेरे भाई, शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे, पहले राजनीतिक विरोधी थे, लेकिन अब दोनों की नज़दीकी बढ़ गई है। दोनों अब राजनीतिक मोर्चे पर और पारिवारिक कार्यक्रमों में एक-दूसरे के साथ दिखाई देते हैं। इस नज़दीकी ने मुंबई की राजनीति में नए समीकरण बनाए हैं और विपक्ष के लिए रणनीति बनाना और भी चुनौतीपूर्ण बना दिया है।

क्या कांग्रेस और NCP करेंगे मराठी मोर्चे का समर्थन?

कांग्रेस महा विकास अघाड़ी के अंदर MNS को स्वीकार करने में हिचकिचा रही है। वर्षा गायकवाड़ ने साफ कर दिया कि कांग्रेस केवल संवैधानिक दृष्टिकोण का पालन करने वाले समूहों के साथ गठबंधन करेगी। दूसरी ओर, NCP ने इस आइडिया पर ज़्यादा खुलापन दिखाया है, क्योंकि उन्हें मुंबई और आसपास के क्षेत्रों में मराठी वोटरों को एकजुट करने का फ़ायदा दिखाई दे रहा है।

क्या मुंबई का राजनीतिक परिदृश्य बदल जाएगा?

राज ठाकरे की चेतावनी, BJP का हिंदू फ़र्स्ट संदेश और MNS-UBT की नज़दीकी, इन सबने मुंबई की राजनीति को एक नई दिशा दी है। चुनाव नज़दीक आते ही यह देखना रोमांचक होगा कि किसकी रणनीति काम करती है और किसका प्रभाव शहर पर सबसे ज़्यादा होगा।