सार
महाराष्ट्र के मुंबई शहर में सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशनों में से एक मुंबई सेंट्रल स्टेशन का नाम बदलने का प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास भेजा गया है। हालांकि अभी इस प्रस्ताव पर निर्णय नहीं लिया गया है। कई सरकारी एंजेसियों से NOC लेना अभी बाकी।
मुंबई (mumbai news). देशभर में कई शहरों या रेलवे स्टेशनों के नाम परिवर्तन की राजनीति चल रही है। अब मुंबई के सेंट्रल रेलवे स्टेशन का नाम बदलने का एक प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास आया है। हालांकि अभी इस प्रस्ताव में केंद्र सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया है। हालांकि जब से शिंदे सरकार सत्ता में आई है उसने इसके नाम बदलने को लेकर एक प्रस्ताव पश्चिमी रेलवे को भेजा था। पर क्या किसी राज्य के शहर या जगह का नाम बदलना इतना आसान होता है। जानिए किस प्रक्रिया के बाद बदलता है किसी जगह का नाम।
गृह राज्यमंत्री ने बताया ये
मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन का नाम नाना शंकर सेठ टर्मिनस करने के प्रस्ताव पर जबाव देते हुए केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ने बताया कि ऐसे प्रस्तावों पर फैसले कई सरकारी एजेंसियों की परमिशन के अलावा नाम बदलने के लिए दिए गए कारकों पर विचार करने के बाद निर्णय लिया जाता है। उन्होंने कहा कि नाना शंकरसेठ की तरफ से प्रतिनिधित्व करने वाला इस तरह का कोई भी व्यक्ति नहीं पहुंचा है।
कौन है नाना शंकरसेठ, जिनके नाम का भेजा गया प्रस्ताव
नाना शंकर सेठ महाराष्ट्र के एक प्रसिद्ध उद्योगपति और शिक्षाविद थे। वे भारत में बनी पहली रेलवे कंपनी के निदेशको में से एक थे। साथ ही वे इंडियन रेलवे एसोसिएशन के सदस्य थे। इन संगठन के प्रयास के चलते देश में ट्रेन चलने की शुरूआत हुई थी। उन्हें आधुनिक मुंबई के निर्माता के रूप में जाना जाता है। इसके चलते ही महाराष्ट्र में शिंदे सरकार बनने के बाद उनके नाम को लेकर मुंबई सेंट्रल स्टेशन के किए जाने का प्रयास किया जा रहा है।
इस प्रक्रिया के बाद बदला जाएगा नाम
नाम बदलने की प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय, रेल मंत्रालय, पोस्ट ऑफिस डिपार्टमेंट के साथ सर्वे ऑफ इंडिया से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट लेने के बाद ही नाम बदलने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। इनसे सर्टिफिकेट लेने का मतलब यह है कि इस बात को कंफर्म करना की सरकारी रिकॉर्ड में प्रस्तावित नाम से मिलता जुलता कोई और शहर या गांव तो नहीं है। अधिकारियों ने बताया कि राज्य का नाम बदलने के लिए संसद में साधारण बहुमत से संविधान में संसोधन कर किया जाता है। पर किसी गांव, कस्बे या स्टेशन का नाम बदलने के लिए एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर की जरूरत होती है। हालांकि अभी तक केंद्र सरकार की तरफ से इस तरह का कोई आदेश नहीं दिया गया है।
चौथी बार बदला जा रहा नाम
शहर का ये सबसे व्यस्तम रेलवे स्टेशन की पहचान चौथी बार बदलने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। अंग्रेजों के समय इस स्टेशन को बेलासिस रोड कहा जाता था। फिर बदलकर इसका नाम बॉम्बे सेंट्रल कर दिया गया। 1995 में एक बार फिर नेम चेंज करते हुए मुंबई सेंट्रल स्टेशन किया गया अब इसे बदलते हुए नाना शंकरशेठ स्टेशन करने का प्रस्ताव दिया गया है।
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