सार

महाराष्ट्र से ऐसी खबर सामने आई है। जिसने ऐसा काम करने वाला देश का शायद पहला राज्य बना दिया गया है। दरअसल प्रदेश में सरकारी हॉस्पिटल के लिए मेडिकल सप्लाई पूर्ति करने के लिए एक्ट बनाया गया है। राज्यपाल की सहमति के बाद इससे जुड़ी एक अलग शाखा बनाई जाएगी।

मुंबई (mumbai news). महाराष्ट्र ने ऐसा काम कर दिया है कि जिसके बाद शायद वह देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है। दरअसल राज्यपाल की अनुमति मिलने के बाद सरकारी हॉस्पिटल्स और मेडिकल कॉलेजों में मेडिकल गुड्स की सप्लाई करने के लिए एक एक्ट बना दिया गया है। साथ ही यहां से एक अलग से ब्रांच बनाई जाएगी जो कि पूरी तरह से इस काम को देखेगी।

प्रदेश में पारित हुआ मेडिकल प्रोक्योरमेंट एक्ट

दरअसल महाराष्ट्र में पहले बायोफार्मास्युटिकल के तहत मेडिकल सामग्री खरीदने की प्रक्रिया पूरी तरह से विफल होने के बाद प्रदेश में एक सरकारी हॉस्पिटल और मेडिकल कॉलेजों में चिकित्सा सामग्री के लिए डेडिकेटेड प्रोक्योरमेंट की मांग की जा रही थी। उनकी मांग को सुनते हुए अब जाकर एक एक्ट पारित कर दिया गया है। इसे महाराष्ट्र मेडिकल प्रोक्योरमेंट अथॉरिटी एक्ट 2023 पारित कर दिया गया।

नए कानून से मिलेगी ये सुविधाएं

प्रदेश में मेडिकल आपूर्ति के लिए बनाया गया कानून की सहायता से सरकारी फंड के साथ मैन पावर का उचित उपयोग हो पाएगा साथ ही साधनों की खरीद को सुविधाजनक, इफेक्टिव और पारदर्शी बनाने में सुविधा मिलेगी। जनकारी हो कि प्रदेश में सरकार हर साल मेडिकल एजुकेशन और पब्लिक हेल्थ विभाग दोनो मिलकर करीब 1800 से 2 हजार करोड़ के मेडिकल उपकरण खरीदे जाते है।

नया कानून बनने से अभी तक नहीं बन पाई गाइडलाइन

नया कानून बनने के बाद अभी तक इसकी गाइडलाइन नहीं बन पाई है। इस एजेंसी की शुरूआत होने के बाद इसकी देखरेख मुख्यमंत्री के अलावा सार्वजनिक हेल्थ और मेडिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट मिलकर करेंगे। इसके अलावा इस विभाग के लिए एक आईएएस अधिकारी को सीईओ के रूप में नियुक्त किया जाएगा।

विभाग के सुचारू रूप से चलाने के लिए होगी भर्ती

इस विभाग के बनने के बाद राज्य सरकार इसके लिए 70 लोगों को भर्ती करने के लिए वैकेंसी निकालने की तैयारी कर रही है। इसके तहत बायोमेडिकल इंजीनियर, फॉर्मेसी, लॉ आईटी और परचेस एक्सपर्ट की नियुक्ति की जाएगी। पब्लिक हेल्थ मिनिस्टर तानाजी सावंत ने बताया कि एक स्वतंत्र परचेस अथॉरिटी के बनने के बाद दवाओं की उपलब्धता के इसकी डिलेवरी में तेजी आएगी। साथ ही मेडिकल साधनों की खरीद एक ही छत के नीचे मिल जाएगी।

पब्लिक हेल्थ विभाग की सेकेट्ररी ने इस विभाग के बनने के बारे में बताते हुए बोले कि फिलहाल दो ही सरकारी मेडिकल संस्थाएं इसमें जुड़े हुए है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि निकट भविष्य में अन्य सरकारी विभाग  भी प्रोक्योरमेंट विभाग से संपर्क कर सकते है।