Mumbai Rain Alert: मुंबई तीन दिन से मूसलाधार बारिश की चपेट में है। हाई टाइड का खतरा, बीएमसी का अलर्ट, आईएमडी का रेड वार्निंग। स्कूल-कॉलेज बंद, सड़कें डूबीं, ट्रैफिक ठप, WFH लागू… क्या फिर 2005 जैसी तबाही लौट रही है?
Mumbai Rains Weather Forecast: मुंबई (Mumbai Rain Alert) एक बार फिर मानसून की मार झेल रही है। लगातार तीन दिनों से हो रही बारिश ने शहर की रफ्तार थाम दी है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मुंबई में भारी से बेहद भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है, वहीं बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) ने समुद्र में उठने वाली हाई टाइड (High Tide in Mumbai) का समय साझा करते हुए चेतावनी दी है कि लहरें 3.75 मीटर तक ऊँची उठ सकती हैं।
क्या मुंबई में बारिश ने तोड़ी 2020 का रिकॉर्ड?
पिछले 24 घंटों में मुंबई और उसके उपनगरों में हुई बारिश ने पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। सांताक्रूज़ वेदर स्टेशन के अनुसार, 238.2 मिमी वर्षा दर्ज की गई है, जो अगस्त 2020 के बाद सबसे ज्यादा है। सवाल उठता है-क्या यह बारिश मुंबई को फिर से जलप्रलय जैसी स्थिति में धकेल देगी?
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बीएमसी का अलर्ट: कब और कितनी ऊंची उठेंगी लहरें?
बीएमसी (BMC Rain Update) ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जानकारी दी कि समुद्र में लहरें 3.75 मीटर तक उठ सकती हैं।
- सुबह 9:16 बजे-3.75 मीटर हाई टाइड
- रात 8:53 बजे-3.14 मीटर हाई टाइड
बीएमसी ने नागरिकों से अपील की है कि ऐसे समय में समुद्र के किनारे और निचले इलाकों में जाने से बचें।
क्या भारी बारिश से ठप हो जाएगी मुंबई की लाइफलाइन?
लगातार हो रही बारिश ने कई इलाकों में जलभराव (Waterlogging in Mumbai) की स्थिति पैदा कर दी है। लोकल ट्रेनें और सड़क यातायात प्रभावित हो चुके हैं। घुटनों तक पानी भरने से लोग घरों में कैद हैं। सवाल यह है कि क्या मुंबई फिर से 2005 जैसी आपदा का सामना करेगी, जब पूरे शहर की रफ्तार ठप हो गई थी?
स्कूल, ऑफिस और पब्लिक सर्विसेज पर असर
लगातार हो रही बारिश के कारण मुंबई में स्कूल और सरकारी दफ्तर बंद कर दिए गए हैं। निजी कंपनियों को कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम (WFH) की सुविधा देने के निर्देश दिए गए हैं। यह कदम लोगों की सुरक्षा और अनावश्यक यात्रा से बचाव के लिए उठाया गया है।
क्या मुंबई तैयार है जलभराव से निपटने के लिए?
मुंबई की सबसे बड़ी चुनौती है उसकी ड्रैनेज सिस्टम की कमजोरी। हर साल की तरह इस बार भी मानसून ने शहर की खामियों को उजागर किया है। सवाल यही है-क्या सरकार और बीएमसी वाकई इतनी भारी बारिश और हाई टाइड के खतरे से निपटने के लिए तैयार हैं?
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