सार
मुंबई। एनसीपी (अजीत पवार) के नेता और पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। पता चला है कि शूटर किसी भी हाल में सिद्दीकी को जिंदा नहीं छोड़ना चाहते थे। शिवकुमार गौतम उर्फ शिवा ने सिद्दीकी को गोली मारी थी। उसने पुलिस को बताया कि गोली चलाने के बाद वह ऑटोरिक्शा लेकर लीलावती अस्पताल गया था। वह हॉस्पिटल के बाहर भीड़ में खड़ा रहा ताकि पता चल सके कि सिद्दीकी बच गए हैं या नहीं। सिद्दीकी को मृत घोषित किए जाने के बाद शिवा पुणे भाग गया। इसके बाद वह लखनऊ चला गया। उसे 10 नवंबर को यूपी में नेपाल सीमा के पास से गिरफ्तार किया गया।
मुंबई पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पूछताछ के दौरान शिवा ने पुलिस को बताया कि गोली चलाने के तुरंत बाद वह और उसके दो साथी मौके से भाग गए थे। शिवा अपने बैग में एक एक्स्ट्रा शर्ट लेकर आया था। उसने शर्ट पहना और बैग व हथियार को खड़ी कार के नीचे फेंक दिया। इसके बाद अपराध स्थल पर लौट आया।
सिद्दीकी को गोली मारने के बाद ऑटोरिक्शा से अस्पताल गया शूटर
सिद्दीकी को बांद्रा में उनके बेटे जिशान के ऑफिस के बाहर गोली मारी गई थी। गोलीबारी के बाद अफरा-तफरी मच गई थी। गंभीर रूप से घायल सिद्दीकी को लीलावती अस्पताल ले जाया गया था। शिवा ने पुलिस को बताया कि घटनास्थल के बाद वह ऑटोरिक्शा में सवार होकर अस्पताल गया। वह भीड़ में यह जानने के लिए खड़ा रहा कि सच में सिद्दीकी की मौत हुई या नहीं। पुलिस ने दो शूटर धर्मराज कश्यप और गुरमैल सिंह को गोलीबारी के कुछ देर बाद गिरफ्तार कर लिया था। शिवा भागने में सफल हो गया था।
दो दिन बाद पुलिस को मिला अपराधियों का बैग
पुलिस ने इलाके में तलाशी अभियान चलाया तब अपराधियों द्वारा फेंका गया बैग मिला। जिस कार के नीचे बैग फेंका गया था वह एक स्थानीय व्यक्ति का था। उसने कई सप्ताह से कार इस्तेमाल नहीं किया था। पुलिस ने बैग से तुर्की में बना तिसास पिस्टल बरामद किया था। इसका इस्तेमाल गोलीबारी में किया गया था। पुलिस को दो दर्जन गोलियां और शिवा के इस्तेमाल की हुई शर्ट भी मिली थी।
अस्पताल से शिवा ऑटोरिक्शा में बैठकर कुर्ला रेलवे स्टेशन गया। इसके बाद पुणे के लिए दूसरी ट्रेन पकड़ने ठाणे चला गया। वह पिछले दो साल से पुणे में एक स्क्रैप डीलर की दुकान पर काम कर रहा था। सिद्दीकी हत्याकांड में पुलिस ने अब तक 23 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।