सार
मुंबई: महाराष्ट्र में महायुति सरकार का प्रदर्शन अचंभित करने वाला है। सिर्फ़ आठ महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव में बड़ा झटका लगने के बाद हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी गठबंधन ने दो-तिहाई बहुमत हासिल कर सत्ता बरकरार रखी है। लोकसभा चुनाव में बीजेपी गठबंधन को सिर्फ़ 17 सीटें ही मिली थीं। 48 लोकसभा सीटों में से केवल 17 पर ही जीत हासिल हुई थी। 2019 में 41 सीटें जीतने के बाद यह संख्या घटकर 17 रह गई थी।
विपक्षी इंडिया गठबंधन ने भी अच्छा प्रदर्शन किया। 30 सीटें जीतकर इंडिया गठबंधन ने अपनी ताकत दिखाई। लेकिन, सिर्फ़ आठ महीने बाद हुए चुनाव में स्थिति पूरी तरह बदल गई। जीत की उम्मीद से मैदान में उतरा इंडिया गठबंधन बुरी तरह हार गया और महायुति गठबंधन ने अप्रत्याशित जीत हासिल की। एग्जिट पोल ने एनडीए गठबंधन की जीत की भविष्यवाणी तो की थी, लेकिन इतनी बड़ी जीत की उम्मीद किसी को नहीं थी।
अंतिम परिणाम आने तक 229 सीटों पर महायुति गठबंधन आगे चल रहा है। सभी क्षेत्रों में बीजेपी गठबंधन ने बढ़त बना ली है। उद्धव गुट शिवसेना और एनसीपी (शरद पवार) और कांग्रेस के गढ़ों में भी बीजेपी और उसके सहयोगी दलों ने सेंध लगाई है। कांग्रेस गठबंधन महाविकास अघाड़ी केवल 53 सीटों पर ही आगे है। बीजेपी को सबसे ज़्यादा फ़ायदा हुआ है। लड़ी गईं 148 सीटों में से 124 पर बीजेपी आगे चल रही है।
देवेंद्र फडणवीस समेत सभी बड़े नेता अच्छी बढ़त के साथ आगे चल रहे हैं। बीजेपी के सहयोगी दल एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी भी आगे हैं। इससे लोकसभा चुनाव में मिली हार का बदला भी पूरा हो गया। शिंदे की शिवसेना 81 में से 55 सीटों पर और अजित पवार की एनसीपी 59 में से 38 सीटों पर आगे है। वहीं, 101 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस केवल 20 सीटों पर ही आगे है। शरद पवार की एनसीपी 86 में से 19 और ठाकरे सेना 95 में से 13 सीटों पर आगे है। उद्धव ठाकरे को इस चुनाव में बड़ा झटका लगा है। असली शिवसेना यही है, यह साबित करने के लिए ठाकरे शिवसेना पूरी ताकत से मैदान में उतरी थी।
लेकिन, उन्हें बड़ी हार का सामना करना पड़ा। लड़ी गईं 95 सीटों में से केवल 13 पर ही वे आगे चल रहे हैं। उनके गढ़ मुंबई में भी उन्हें हार मिली है। बुधवार को समाप्त हुए मतदान में 65.1 प्रतिशत मतदान हुआ था।
अब मुख्यमंत्री पद को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। अकेले ही बहुमत के करीब पहुँच चुकी बीजेपी मुख्यमंत्री पद पर दावा पेश करेगी, इसमें कोई शक नहीं है। फडणवीस इस पद की दौड़ में सबसे आगे हैं। लेकिन, पिछली बार शिवसेना को तोड़ने के लिए शिंदे की मदद ली गई थी और उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया था। एकनाथ शिंदे को आगे रखकर चुनाव लड़ा गया था, इसलिए इतनी बड़ी जीत मिली है, यह कहकर शिंदे गुट मुख्यमंत्री पद पर दावा पेश करेगा या नहीं, यह देखना होगा।