मुंबई में ‘सत्याचा मोर्चा’ में उद्धव ठाकरे, राज ठाकरे, शरद पवार और कांग्रेस नेता एक साथ आए। विपक्ष ने वोटर लिस्ट में गड़बड़ी और लोकतंत्र पर हमले का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग की।
मुंबई। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की सड़कों पर एक अनोखा नज़ारा देखने को मिला-जब महाराष्ट्र की तीन बड़ी राजनीतिक ताकतें एक साथ आईं। मुंबई की राजनीति में ये दिन इतिहास रच गया। पहली बार महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे, शिवसेना (UBT) के नेता उद्धव ठाकरे, NCP (SP) प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट एक ही मंच पर नजर आए। यह एकजुटता थी “सत्याचा मोर्चा” यानी “सत्य के लिए मार्च” की- जहां नेताओं ने मिलकर वोटर लिस्ट में गड़बड़ियों और लोकतंत्र पर हो रहे हमलों के खिलाफ आवाज उठाई।
क्या ‘सत्याचा मोर्चा’ सिर्फ विरोध था या नया राजनीतिक संकेत?
यह पहली बार हुआ जब कांग्रेस ने MNS यानी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के साथ मंच साझा किया। अब तक कांग्रेस के कई नेता राज ठाकरे के रवैये को लेकर सख्त आपत्ति जताते रहे हैं, लेकिन इस बार “लोकतंत्र बचाने” के नाम पर सभी मतभेद पीछे छूटते दिखे। राजनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक, यह “सत्याचा मोर्चा” सिर्फ वोटर लिस्ट का विरोध नहीं, बल्कि 2025 के विधानसभा चुनावों से पहले विपक्षी गठबंधन का ट्रायल रन भी हो सकता है।
वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का आरोप-क्या हो रही है ‘वोट चोरी’?
- इस विरोध की असली वजह है राज्य की वोटर लिस्ट में फर्जी नामों और डुप्लीकेट वोटरों की बढ़ती संख्या।
- उद्धव ठाकरे ने कहा, “पहले उन्होंने मेरी पार्टी छीनी, अब वोट चुरा रहे हैं। यह सिर्फ एक चिंगारी है, जो जल्द आग बन सकती है।”
- उन्होंने दावा किया कि ‘सक्षम ऐप’ के जरिए उनके परिवार का नाम वोटर लिस्ट से हटाने की कोशिश की गई।
राज ठाकरे का बड़ा खुलासा -“मुंबई से मावल तक फर्जी वोटर!”
MNS प्रमुख राज ठाकरे ने दस्तावेज़ों के ढेर दिखाते हुए कहा, “मुंबई, नासिक और मावल में हजारों नकली वोटर जोड़े गए हैं। अगर सभी जानते हैं कि वोटर फर्जी हैं, तो ये नाम लिस्ट में आए कैसे?” राज ठाकरे ने चुनाव आयोग पर सवाल उठाया कि “अगर आप पांच साल तक इंतज़ार कर सकते हैं, तो एक साल क्यों नहीं?”
शरद पवार की चेतावनी “लोकतंत्र खतरे में है”
एनसीपी (SP) के वरिष्ठ नेता शरद पवार ने इसे “संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ संगठित प्रयास” बताया। उन्होंने कहा, “पिछले चुनावों ने जनता का लोकतंत्र पर भरोसा हिला दिया है। अब समय है कि हम राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर एकजुट हों।”
क्या विपक्षी एकता बीजेपी-शिंदे सरकार के लिए चुनौती बनेगी?
राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के एक मंच पर आने से यह सवाल उठने लगा है कि क्या यह सिर्फ वोटर लिस्ट विवाद है या महाराष्ट्र में ‘विपक्षी गठबंधन’ का नया अध्याय शुरू हो चुका है? राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह मार्च आने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनावों के लिए MVA+MNS गठबंधन की संभावित भूमिका का इशारा है।
वोटर लिस्ट में फर्जी नाम और जनता के लिए संदेश
नेताओं ने बताया कि वोटर लिस्ट में नकली आधार कार्ड, डुप्लीकेट एंट्री, और यहां तक कि टॉयलेट जैसी जगहों पर भी वोटर नाम दर्ज मिले हैं। उद्धव ठाकरे ने देशभर के लोगों से अपील की कि “अपने वोटर लिस्ट में नाम जांचिए, क्योंकि यही लोकतंत्र की असली ताकत है।”
उद्धव ठाकरे की तीखी प्रतिक्रिया
उद्धव ठाकरे ने कहा, “पहले उन्होंने मेरी पार्टी छीनी, अब वोट चुरा रहे हैं।” उन्होंने चेतावनी दी कि “यह सिर्फ चिंगारी है, जो जल्द आग बन सकती है।” उन्होंने कोर्ट में जाने की घोषणा भी की और नागरिकों से अपील की कि वे अपने नाम वोटर लिस्ट में ज़रूर जांचें।
कांग्रेस और MNS का साथ- नई राजनीतिक दिशा?
कांग्रेस और MNS का एक मंच पर आना महाराष्ट्र की राजनीति में नई संभावनाएं खोल सकता है। राजनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक, यह एक संकेत है कि विपक्ष अब बीजेपी और शिंदे सरकार के खिलाफ संगठित मोर्चा बनाने की दिशा में बढ़ रहा है।
