सार
इतनी बड़ी प्रतिमा बनाने का अनुभव न होने के बावजूद आप्टे को ठेका कैसे दिया गया, यह सवाल विपक्षी नेताओं ने उठाया है।
मुंबई: महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग ज़िले के राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी की विशाल प्रतिमा के ढह जाने के मामले में शिल्पकार को महाराष्ट्र पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। शिल्पकार और ठेकेदार जयदीप आप्टे को बुधवार को महाराष्ट्र पुलिस ने ठाणे ज़िले के कल्याण से गिरफ्तार किया। आप्टे फिलहाल पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) के कार्यालय में हैं।
नौ महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अनावरण की गई 35 फीट ऊंची छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा 26 अगस्त को ढह गई थी। इस घटना के लिए मोदी ने माफ़ी मांगी थी। प्रतिमा के ढहने के बाद से शिल्पकार फरार था। 10 दिनों की तलाश के बाद 24 वर्षीय शिल्पकार को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस का कहना है कि उसे बड़ी मूर्तियाँ बनाने का कोई अनुभव नहीं था और वह कल्याण में एक आर्ट कंपनी का मालिक है।
प्रतिमा का ढहना महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले एक राजनीतिक विवाद बन गया था। इस घटना के लिए विपक्ष ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार को निशाने पर लिया था। स्ट्रक्चरल सलाहकार चेतन पाटिल के ख़िलाफ़ भी भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
इतनी बड़ी प्रतिमा बनाने का अनुभव न होने के बावजूद आप्टे को ठेका कैसे दिया गया, यह सवाल विपक्षी नेताओं ने उठाया है। वहीं, महाराष्ट्र कांग्रेस ने आरोप लगाया कि इस परियोजना के लिए राज्य के ख़ज़ाने से 236 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, लेकिन प्रतिमा के निर्माण पर सिर्फ़ डेढ़ करोड़ रुपये ख़र्च किए गए।