सार
अकसर लव मैरिज आसान नहीं होती। इस कपल और उसके परिवार को इसकी सजा दी जा रही है। ये है फुरसुंगी का परिवार। इसके चारों लोगों(दुल्हन को छोड़कर) लोगों को किसी भी समारोह में शामिल होने की अनुमति नहीं है। ऐसा 23 साल से है।
पुणे(Pune). अकसर लव मैरिज आसान नहीं होती। इस कपल और उसके परिवार को इसकी सजा दी जा रही है। ये है फुरसुंगी का परिवार। इसके चारों लोगों(दुल्हन को छोड़कर) लोगों को किसी भी समारोह में शामिल होने की अनुमति नहीं है। सिर्फ यही नहीं, इनके करीब रिश्तेदारों पर भी यह बैन लगा हुआ है। ऐसा 23 साल से है। पीड़ित परिवार का कहना है कि समुदाय के पंच (नेता) उसकी बात सुनने को तैयार नहीं हैं। अब अंधविश्वास विरोधी पैनल( anti-superstition panel) ने परिवार को पुलिस से संपर्क करने के लिए मनाया। पुलिस ने 9 के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पढ़िए पूरी डिटेल्स...
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1. कहते हैं कि पुणे को पुण्यनगरी(city of good deeds) कहते हैं, लेकिन यहां भी अंधविश्वास के मामले सामने आते रहते हैं। अंतरजातीय विवाह( inter-caste marriage) के चलते शहर से लगभग 15 किमी दूर फुरसुंगी में गौड़ ब्राह्मण समाज समिति द्वारा प्रकाश डांगी, उनकी पत्नी हेमलता और उनके दो बच्चों का 23 साल से सामाजिक बहिष्कार कर रहा है।
2. पुणे मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, पेशे से रिक्शा चालक 46 वर्षीय प्रकाश दांगी ने बताया-“यह चौंकाने वाला है कि मेरे अपने समुदाय ने हमारा बहिष्कार किया है। मैं दो दशकों से एक हारी हुई लड़ाई लड़ रहा हूं। यहां तक कि 2021 में अपने 18 वर्षीय बेटे मानव को भी खो दिया। उसने आत्महत्या कर ली। मुझे यकीन है कि वह हमारी दुर्दशा से उदास था।”
3. दांगी गौड़ ब्राह्मण समाज से और हेमलता माली ब्राह्मण समाज से हैं। सामाजिक परंपराओं को नजरअंदाज करते हुए उन्हें प्यार हो गया और 1998 में शादी कर ली, लेकिन इसके लिए उन्हें कीमत चुकानी पड़ी।
4. इस परिवार का कहना है कि गौड़ समिति, जिसका कार्यालय मार्केट यार्ड, पुणे में है, उनके परिवार को सामुदायिक समारोहों या कार्यक्रमों में शामिल होने की अनुमति नहीं दे रही है।
5. दांगी ने दावा किया कि छह महीने पहले समिति ने उन्हें 1.25 लाख रुपये हर्जाना भरने को कहा था। प्रकाश दांगी ने कहा- “मैंने पंच (समिति प्रमुख) से कहा कि मैं एक रिक्शा चालक हूं और मेरे लिए इतनी अधिक राशि का भुगतान करना संभव नहीं है। लेकिन वे पैसे कम करने को तैयार नहीं हैं। मैं एक गरीब परिवार की पृष्ठभूमि से आता हूं। मैं पैसे की व्यवस्था कैसे कर सकता हूं? वे मेरे परिवार को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं।”
6. प्रकाश की बेटी केजल 18 साल की है और बीसीएस प्रथम वर्ष की छात्रा है। उनका बेटा यशराज साइंस ग्रेजुएट है। वह एक फर्म के लिए पार्ट टाइम काम करते हुए कंप्यूटर साइंस में एक कोर्स कर रहा है।
7. प्रकाश ने कहा-“मेरा पूरा परिवार बहिष्कार से गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है। उन्होंने हमें मेरी भतीजी की शादी में भी शामिल नहीं होने दिया। मेरी बहन अच्छी है, लेकिन हमारे समुदाय के पंच ने उसके परिवार को चेतावनी दी कि वह मुझे शादी में न बुलाए। मेरी बहन बेबस थी। मेरा समुदाय मेरे साथ एक अपराधी की तरह व्यवहार कर रहा है।”
8. प्रकाश दांगी ने कहा-"मेरे बच्चे अक्सर उदास रहते हैं। उन्हें किसी भी सामाजिक कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया जाता है। जब उनके दोस्त उनसे पूछते हैं कि वे समारोहों में क्यों नहीं जाते हैं, तो उनके पास कोई जवाब नहीं होता है। मैंने कई बार समुदाय के पंच से संपर्क किया और बहिष्कार को हटाने के लिए उनसे विनती की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। मैंने कई बार कमेटी को आवेदन भी दिया, लेकिन वे अपने फैसले पर अडिग रहे।"
9. पीड़िता परिवार ने कहा-“हमारे समुदाय का मार्केट यार्ड क्षेत्र में एक मंडल कार्यालय है, जहां हर महीने बैठकें होती हैं। मेरे प्रेम विवाह के बाद पंच ने कमेटी से मेरा नाम हटा दिया। अब तक उन्होंने 500 लोगों के नाम अंतरजातीय विवाह के लिए सूची से हटा दिए हैं।"
10. दांगी ने कहा कि उन्होंने हाल ही में महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति(Maharashtra Andhashraddha Nirmoolan Samiti) की नंदिनी जाधव से मुलाकात की और अपनी समस्या बताई। समिति के सुझाव पर हमने बिबवेवाड़ी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।” बिबवेवाड़ी पुलिस थाने की इंस्पेक्टर संगीता जाधव ने कहा कि 9 लोगों पर महाराष्ट्र सामाजिक बहिष्कार निवारण अधिनियम, 2017 के तहत मामला दर्ज किया गया है। प्रारंभिक जांच चल रही है। अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। यह एक जमानती अपराध है।
(प्रकाश और हेमलता अपनी बेटी के साथ, राइट में हेमलता और उनका बेटा)
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