सार
लता मंगेशकर का अमर गीत-'ऐ मेरे वतन के लोगो' वर्षों बाद भी सुनकर लोगों के आंसू निकल आते हैं। लेकिन इसी गाने ने मुंबई में एक मानसिक बीमार व्यक्ति को मौत से बचा लिया। यह विचित्र मामला रविवार(19 फरवरी) को बोरीवली ईस्ट में हुआ।
मुंबई. लता मंगेशकर का अमर गीत-'ऐ मेरे वतन के लोगो' वर्षों बाद भी सुनकर लोगों के आंसू निकल आते हैं। लेकिन इसी गाने ने मुंबई में एक मानसिक बीमार व्यक्ति को मौत से बचा लिया। यह विचित्र मामला रविवार(19 फरवरी) को बोरीवली ईस्ट में हुआ। यहां एक व्यक्ति को बिल्डिंग से कूदने से बचाने लेडी कांस्टेबल ने पराठा खिलाने से लेकर यह गीत तक सुनाया। पढ़िए पूरी डिटेल्स...
और फिर शख्स को बचा लिया गया
हुआ यूं था कि बोरीवली ईस्ट में एक बिल्डिंग के छज्जे पर खड़े एक मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति को बचाने के लिए कॉन्स्टेबल सुभादा सालस्कर ने पराठा खिलाने से लेकर देशभक्ति के गीत तक उसे सुनाए। उस व्यक्ति ने कहा कि वो सेना में भर्ती होना चाहता है। उसे सुरक्षित नीचे लाने तक सुभादा सालस्कर को डेढ़ घंटे तक धैर्यपूवर्क उसे बातों में उलझाए रखना पड़ा। इस दौरान उन्होंने अपना आपा नहीं खोया, बल्कि अपनेपन से उससे बात करती रहीं। इस बीच फायर ब्रिगेड आ गई और उसे बचा लिया गया।
घटना रविवार दोपहर 3 बजे बोरीवली पूर्व के दौलत नगर के एसवी रोड स्थित गोपाल भूमि सोसाइटी की है। बिल्डिंग का एक हिस्सा रिनोवेशन वर्क के लिए बांस की मचान से ढका हुआ है। आदमी ने तीसरी मंजिल पर चढ़ने के लिए बांस का इस्तेमाल किया। वहां, वह भवन के छज्जे पर जाकर बैठ गया। इस बीच एक रेस्क्यू टीम नीचे चादर पकड़े खड़ी रही कि अगर वो ऊपर से कूदे, तो उसे चोट न लगे।
सुभादा ने सुनाया किस्सा
कस्तूरबा थाने की 'निर्भया पाठक टीम' की सुभादा सालस्कर ने कहा, 'हमें एक फोन आया और जब हम मौके पर पहुंचे तो पाया कि तीसरी मंजिल पर एक शख्स खड़ा है।
सुभादा सालस्कर ने कहा कि वे उस फ्लैट में पहुंचीं, जिसके छज्जे पर वो व्यक्ति खड़ा था। उन्होंने खिड़की से उसका हाथ पकड़ लिया। इसके बाद अपनी टीम को पुलिस वैन से एक रस्सी लाने को कहा। इस बीच निर्भया पाठक टीम के अलावा एएसआई दत्ताराय खराडे, हेड कांस्टेबल प्रकाश जाधव, महिला हेड कांस्टेबल सीमा भोये और हेड कांस्टेबल प्रकाश जाधव सहित उसे बचाने मुस्तैद हो चुके थे।
सुभादा सालस्कर उस आदमी का हाथ पकड़े बात करने लगीं। उस आदमी ने पूछा कि क्या वो उसकी मां हैं? सालस्कर ने जवाब दिया-हां, मैं उसकी मां हूं। बाद में उन्होंने कहा कि वह देश की सेवा करने के लिए भारतीय सेना में शामिल होना चाहता है।
सुभादा सालस्कर ने उससे कहा कि वो उसे भारतीय सेना में भर्ती करा देंगी। उसने सालस्कर से देशभक्ति के गीत गाने को कहा। सालस्कर ने उसका हाथ पकड़े हुए खिड़की से 'ऐ मेरे वतन के लोगो' गाना गाकर सुनाया। इतने में टीम रस्सी लेकर पहुंच गई।
सालस्कर ने उसे बातों में लगाकर कहा कि उसकी सुरक्षा के लिए वो उसकी कमर में रस्सी बांध देंगी। इसके लिए वो आदमी तैयार हो गया। इस बीच, अन्य अधिकारियों ने भी फायर ब्रिगेड को फोन किया कर दिया था।
सालस्कर ने कहा-"बाद में, मैंने उस आदमी को खाना दिया। उसने कहा कि वह पराठा और चाय चाहता है। इसमें बिल्डिंग के रहवासियों ने मदद की। सीनियर इंस्पेक्टर अनिल आव्हाड भी मौके पर पहुंचे।"
सालस्कर ने आगे कहा-"ट्रैफिक की वजह से फायर ब्रिगेड को मौके पर पहुंचने में कुछ समय लगा। युवक को सीढ़ियों से नीचे उतारना मुश्किल था। आखिरकार डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद हमने सीढ़ी और दमकल कर्मियों की मदद से उस शख्स को नीचे उतारा। हमने काउंसलिंग के बाद उसे छोड़ दिया।"
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