नागपुर में एक दोस्त ने जलन के चलते अपने ही 18 वर्षीय दोस्त को जूस में जहर देकर मार डाला। पुलिस ने 19 वर्षीय आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
नागपुर: महाराष्ट्र के नागपुर में एक दिल दहला देने वाली घटना में, एक 18 साल के लड़के की उसके दोस्त ने जूस में जहर मिलाकर हत्या कर दी। पुलिस ने 19 वर्षीय आरोपी मिथिलेश उर्फ मंथन राजेंद्र चकोले को गिरफ्तार कर लिया है। हुडकेश्वर के नीलकंठ नगर निवासी आरोपी ने अपने पड़ोसी वेदांत उर्फ विजय कालीदास खंडाटे की हत्या की थी।
वेदांत एक अमीर परिवार से था, और हाल ही में उसके परिवार ने एक आलीशान दो मंजिला घर बनवाया था। आरोपी मंथन, जो एक छोटे से घर में रहता था, अपने दोस्त की दौलत से जलता था।
8 अप्रैल को, मंथन ने वेदांत को पास की एक पान की दुकान पर बुलाया। दोनों ने वहाँ कोल्ड ड्रिंक पी। इसी दौरान, मंथन ने चुपके से वेदांत के जूस में कॉकरोच मारने वाला जेल मिला दिया। जूस पीने के बाद, वेदांत घर लौटा और उसे चक्कर आने लगे। कुछ ही देर में उसकी हालत बिगड़ गई। परिवार वाले उसे तुरंत पास के एक अस्पताल ले गए, जहाँ डॉक्टरों ने जहर की आशंका जताई और इलाज शुरू किया। लेकिन वेदांत कोमा में चला गया और 12 अप्रैल को उसकी मौत हो गई।
पुलिस ने शुरुआत में आकस्मिक मौत का मामला दर्ज किया था। लेकिन मेडिकल रिपोर्ट में जहर की पुष्टि हुई, और डॉक्टरों ने कहा कि वेदांत ने जाने-अनजाने में जहर नहीं खाया होगा। पुलिस को शक हुआ और उन्होंने वेदांत के आखिरी पलों की गतिविधियों और फोन कॉल की जाँच की। पता चला कि उसकी आखिरी कॉल मंथन को गई थी। पूछताछ में, मंथन ने पान की दुकान पर मुलाकात और कोल्ड ड्रिंक पीने की बात कबूल की।
पुलिस को मंथन के व्यवहार पर शक हुआ और उन्होंने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की। उसने कबूल किया कि उसने जलन के कारण अपने दोस्त को जहर दिया था। उसने दावा किया कि उसका इरादा हत्या का नहीं था, बल्कि उसे सिर्फ बीमार करना चाहता था।
पुलिस के अनुसार, वेदांत की हालत बिगड़ने पर मंथन घबरा गया था। उसने पुलिस को गुमराह करने और घटना को अपहरण या फिरौती के प्रयास जैसा दिखाने के लिए एक फर्जी फिरौती पत्र लिखकर पीड़ित के पिता की कार पर छोड़ दिया था।
ऐसे दोस्त भी होते हैं! ज़्यादातर युवा अपने परिवार से ज़्यादा दोस्तों पर भरोसा करते हैं। कहते हैं दोस्ती सोच-समझकर करनी चाहिए, लेकिन ऐसी घटनाओं के बाद बच्चों के दोस्तों पर भी नज़र रखनी होगी। अगर अमीर हैं, तो अपनी अमीरी का दिखावा मत करो, बच्चों को यही समझाना होगा। कुल मिलाकर, यह एक ऐसा समय है जब किसी पर भरोसा नहीं किया जा सकता। आपका क्या ख्याल है?
