चरित्र पर शक कर पिता ने 17 वर्षीय बेटी को नहर में फेंका, जिसके बाद उसे हत्या के आरोप में जेल हुई। 2 महीने बाद लड़की जिंदा लौट आई और अब अपने पिता की रिहाई की मांग कर रही है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

चंडीगढ़: पंजाब के चंडीगढ़ में एक अजीब घटना हुई है। एक 17 साल की लड़की को उसके पिता ने चरित्र पर शक करके, हाथ बांधकर आधी रात को नहर में फेंक दिया था। उन्होंने इस घटना का वीडियो भी रिकॉर्ड किया था। यह वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने पिता को गिरफ्तार कर लिया और उस पर हत्या का मामला दर्ज कर जेल भेज दिया था। लेकिन, दो महीने बाद वह लड़की जिंदा लौट आई है और अपने पिता को जेल से रिहा करने की गुहार लगा रही है। यह घटना चंडीगढ़ के फिरोजपुर जिले में हुई। स्कूल छोड़ चुकी यह लड़की घर की 4 बेटियों में सबसे बड़ी है। रविवार को मीडिया के सामने आकर उसने बताया कि कैसे हाथ बंधे होने के बावजूद वह नहर में फेंके जाने के बाद भी बच गई। उसने अपने पिता को जेल से रिहा करने की अपील की है।

उस दिन क्या हुआ था?

29 सितंबर की रात को पिता सुरजीत सिंह ने बेटी के चरित्र पर शक करते हुए उस पर गुस्सा किया। फिर उसने रस्सी से उसके हाथ बांध दिए और बेरहमी से उसे नहर में धकेल दिया। इस भयानक हरकत को उसने खुद अपने मोबाइल फोन पर रिकॉर्ड किया। यह घटना मां और उसकी तीन छोटी बहनों के सामने हुई। अपनी ही करतूत का वीडियो बनाने वाला सुरजीत सिंह, वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होते ही जेल पहुंच गया।

वीडियो में उसे यह कहते हुए सुना जा सकता है, "जा, मर जा।" जब उसकी पत्नी मदद के लिए चिल्ला रही थी, तो उसने कहा, "उसे मरने दो।" बेटी के पानी में बह जाने पर उसने 'बाय-बाय' भी कहा। लेकिन, लड़की के एक चचेरे भाई ने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी। फिरोजपुर शहर की पुलिस ने सुरजीत सिंह को गिरफ्तार कर हत्या का मामला दर्ज कर लिया। तब से सुरजीत सिंह हत्या के मामले में सेंट्रल जेल में न्यायिक हिरासत में है।

इस सब को हुए दो महीने बीत चुके हैं। अब सामने आई लड़की ने मीडिया को बताया कि वह कैसे मौत के मुंह से बच निकली। नहर के तेज बहाव ने उसके हाथों में बंधी रस्सी को ढीला कर दिया। असहाय होकर पानी में डूबते-उतराते हुए उसका सिर पानी के ऊपर निकली एक लोहे की छड़ से टकराया। डूबते को तिनके का सहारा मिला और वही लोहे की छड़ उसकी जान बचाने का जरिया बन गई। उसने उसे पकड़ लिया और पानी से ऊपर आ गई, लेकिन नहर से बाहर नहीं निकल पाई।

तभी वहां से गुजर रहे तीन अनजान राहगीरों ने उसे देखा और सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। दो महीने बाद, वह यह कहते हुए मीडिया के सामने आई है कि वह जीवित है। हालांकि, उसने यह नहीं बताया कि उसे दो महीने तक किसने पनाह दी और वह कहां थी। लेकिन उसने कहा है कि वह बीमार है और उसका इलाज चल रहा है।

इसके अलावा, उसने अपने पिता को जेल से रिहा करने की अपील करते हुए कहा, "मेरी बहनों को उनकी जरूरत है। मेरी छोटी बहनों की देखभाल करने वाला कोई नहीं है, उन्हें जेल से रिहा कर दें।" 17 वर्षीय लड़की ने आरोप लगाया कि हमले के दौरान गुस्से और नशे में धुत उसके पिता को उसकी मां ने उकसाया था। लड़की ने यह भी कहा कि उसे अपने रिश्तेदारों पर भरोसा नहीं है और अब उसने पुलिस सुरक्षा की भी मांग की है।

पुलिस अब इस मामले की जांच कर रही है। लड़की के वापस आने से उसके पिता पर लगे हत्या के आरोप को हत्या के प्रयास में बदला जा सकता है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भूपिंदर सिंह ने कहा, "यह बहुत अच्छी खबर है कि वह सुरक्षित मिल गई है।" लड़की ने कहा कि वह शुरू में डरी हुई और सदमे में थी, और सिर में चोट लगने के कारण उसे कुछ बातें याद नहीं थीं, इसीलिए वह पहले सामने नहीं आई।

पुलिस अधिकारी भूपिंदर सिंह ने कहा, “घटना का वीडियो लड़की के पिता ने ही बनाया था। उस वीडियो के आधार पर उनके खिलाफ धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया था। लेकिन, अब जब लड़की जिंदा मिल गई है, तो उसके बयानों के आधार पर उचित धाराएं लगाई जाएंगी और उसी के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।”