'वारिस पंजाब दे' प्रमुख अमृतपाल सिंह को रविवार को पंजाब पुलिस ने मोगा जिले के रोडे गांव से अरेस्ट किया। अमृतपाल ने रणनीतिक रूप से इस गांव को अपने संगठन की कमान संभालने के लिए चुना था।
खालिस्तान समर्थक और वारिस पंजाब का चीफ अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) को रविवार सुबह करीब 7 बजे पंजाब पुलिस (Punjab Police) ने मोगा जिले के रोड़ेवाल गुरुद्वारा से गिरफ्तार कर लिया है।
पंजाब पुलिस के लिए 35 दिनों से सिरदर्द बना खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया। अजनाला थाने पर हमले के बाद उसका नाम चर्चा में आया था। उस घटना में पंजाब पुलिस बैकफुट पर दिखी।
आखिरकार पंजाब पुलिस ने 36 दिन बाद ही सही, लेकिन खालिस्तानी समर्थक और वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह को मोगा जिले में रोडे गांव के गुरुद्वारे से गिरफ्तार कर लिया है। उसे असम के डिब्रागढ़ जेल भेजा गया है।
पंजाब पुलिस और इंटेलीजेंस से 35 दिनों तक भागता रहा भगोड़ा अमृतपाल सिंह रविवार को पुलिस के हाथ (Punjab Police statement on Amritpal Singh arrest News) लग गया। खालिस्तानी नेता जरनैल सिंह भिंडरावाले के पैतृक गांव रोडे से अमृतपाल सिंह को अरेस्ट किया गया।
अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) की गिरफ्तारी पर पंजाब पुलिस के आईजी सुखचैन सिंह गिल ने कहा कि हमने पुख्ता खुफिया सूचना के आधार पर कार्रवाई की। पुलिस ने गांव को घेर लिया था। अमृतपाल के पास कोई चारा नहीं था।
अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) को पंजाब पुलिस (Punjab Police) विशेष विमान से असम ले गई। उसे डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में रखा गया है। यहां पहले से अमृतपाल के कई करीबी बंद हैं।
खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) को पंजाब पुलिस (Punjab Police) ने गिरफ्तार कर लिया है। वह 36 दिनों से भागा फिर रहा था। इस दौरान उसके कई वीडियो सामने आए। इसमें वह कभी बिना पगड़ी के तो कभी छाता लगाए दिखा था।
अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) ने मोगा के रोड़ेवाल गुरुद्वारा में सरेंडर कर दिया है। वह एक महीने से पुलिस से भागा फिर रहा था। पुलिस उसके पीछे लगी हुई थी। सर्च ऑपरेशन चलाए जा रहे थे।
जम्मू-कश्मीर के पुंछ में 20 अप्रैल को सेना के ट्रक पर हुए आतंकी हमले में जान गंवाने वाले लुधियाना के मनदीप सिंह को उनके पैतृक गांव चन्नकोइया में अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान उनकी बेटी फूट-फूटकर रो पड़ी।