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अमृतपाल सिंह के आगे झुकी पंजाब पुलिस: जेल से रिहा हुआ तूफान, गुरुद्वारा में मत्था टेक मनाया जीत का जश्न
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तूफान की रिहाई के आर्डर जारी होने के बाद परिजन को पुलिस ने आदेश सौंप दिया। पुलिस के बैकफुट पर आने और तूफान की रिहाई के खुशी में अमृतपाल अपने समर्थकों के साथ गुरुद्वारा पहुंचकर मत्था टेका।
उधर, अपने साथी के समर्थन में अमृतपाल सिंह गुरुवार को रातभर अजनाला में ही रहा। वारिस पंजाब दे का जत्थेदार अमृतपाल सिंह, गुरुवार को बाबा दीप सिंह गुरद्वारा साहिब में ही रात बिताई। अमृतपाल ने कहा था कि तूफान को साथ लेकर ही जाएंगे। अब पुलिस द्वारा कोर्ट में केस वापस लेने के बाद उसकी रिहाई का आर्डर जब रिलीज हो गया है तो अमृतपाल सिंह के समर्थक खुशी मना रहे हैं। हजारों समर्थकों के देर शाम तक अजनाला में जुटने के आसार हैं। भारी भीड़ को देखते हुए कानून व्यवस्था को लेकर पुलिस का पसीना छूट रहा है। शुक्रवार को सुबह से ही एक्स्ट्रा फोर्स तैनात किया जा रहा है। एसएसपी ग्रामीण सतिंदर सिंह खुद पुलिस स्टेशन में मौजूद होकर मोर्चा संभाले हुए हैं।
दरअसल, अजनाला पुलिस स्टेशन में बीते 16 फरवरी की रात अमृतपाल सिंह, उसके साथी लवप्रीत तूफान के अलावा कई समर्थकों पर किडनैपिंग का केस दर्ज हुआ था। चमकौर साहिब के रहने वाले वरिंदर सिंह को किडनैप कर मारपीट करने के मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए गुरदासपुर से लवप्रीत सिंह को अरेस्ट कर लिया। इसके बाद अजनाला क्षेत्र जल उठा।
अमृतपाल सिंह गुरुग्रंथ साहिब सुशोभित पालकी साहिब के साथ अजनाला पहुंच गए। वह अपने साथी तूफान की रिहाई के लिए जब पहुंचे तो उनके हजारों समर्थक भी उनके साथ थे। उग्र समर्थकों ने अजनाला थानाक्षेत्र को ही घेर लिया। उपद्रव करने लगे। खालिस्तान समर्थक संगठन 'वारिस पंजाब दे' से जुड़े हजारों लोगों ने अमृतसर के अजनाला थाने पर हमला कर दिया। इनके हाथों में बंदूकें और तलवारें थीं।
गुरुवार की दोपहर में अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने अजनाला थाने को कब्जे में ले लिया। बैकफुट पर आई पुलिस ने बातचीत शुरू की। शाम तक बातचीत का सिलसिला चला। पुलिस को आखिरकार झुकना पड़ा और तय हुआ कि तूफान पर लगाए गए सारे चार्ज हटा लिए जाएंगे। पुलिस ने एसआईटी गठन की बात भी मान ली। इसके बाद समर्थकों का गुस्सा शांत हुआ।