सार

राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 अगले दो महीने में होने वाले हैं। ऐसे में आचार संहिता लागू होने से पहले सीएम गहलोत रोज नए डीसीजन ले रहे हैं। गहलोत ने अब राजस्थान में भी बिहार की तरह जल्द ही जातिगत जनगणना शुरू करने का ऐलान किया है।

जयपुर। बिहार की तरह राजस्थान में जल्द जातिगत जनणगना शुरू होने वाली है। शुक्रवार शाम को सीएम ने इसकी जानकारी दी और देर रात ही इसकी शुरुआत भी कर दी। दरअसल देर रात सीएम ने राजस्थान भर में 53 आरएएस अफसरों के तबादले किए गए हैं। इन अफसरों में से अधिकतर को नए जिलों में लगाया गया है। बताया जा रहा है कि अब जल्द ही जातिगत जनगणना का काम भी शुरु किया जा सकता है।

विधानसभा चुनाव को लेकर दिया नारा
दरअसल कल शाम कांग्रेस के बड़े नेताओं की बैठक के बाद सीएम ने मीडिया से कहा कि जितने लोग हैं उसी हिसाब से उनका हक होना चाहिए। जातियों की संख्या का एक बार पता चलने के बाद काम आसान हो जाएगा और योजनाओं का निस्तारण भी उसी अनुसार होगा। सीएम गहलोत ने ये भी कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में हमारा नारा होगा ‘काम किया है दिल से, कांग्रेस फिर से’।

चुनाव से पहले जातीय जनगणना की याद क्यों आई ? 
राजस्थान में जातिगत जनगणना की मांग काफी समय से चल रही थीं। कांग्रेस के नेताओं ने कई बार अपने भाषणों में इस बारे में चर्चा भी की थी। कुछ महीनों पहले कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता रघु शर्मा ने सीएम गहलोत से विधानसभा के दौरान भी इसकी मांग की थी। उस पर सीएम ने इसे जल्द ही कराने के लिए कहा था। अब चुनाव से पहले सीएम गहलोत को जनगणना की याद आ गई है।

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सोमवार को दोबारा होगा जातीय जनगणना पर मंथन
जातिगत जनणगना का फैसला कांग्रेस के बड़े नेताओं की कोर कमेटी की बैठक में हुआ था। इस बैठक में सीएम गहलोत के साथ कई बड़े नेता शामिल थे और कई घंटों की चर्चा के बाद इस तरह की जनगणना पर फैसला लिया गया। इस बैठक में गहलोत के अलावा प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट, पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा समेत अन्य नेता थे। जातिगत जनगणना को लेकर सोमवार को फिर से नेताओं की बैठक होनी है।