सार
जयपुर. डेबिट कार्ड जिसे हम आमतौर पर शॉपिंग या फिर पैसे निकालने के लिए इस्तेमाल लेते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इसी डेबिट कार्ड के जरिए किसी की मौत के बाद क्लेम मिले। लेकिन राजस्थान में एक ऐसा मामला सामने आया है जहां एक युवक की मौत के बाद कोर्ट के द्वारा डेबिट कार्ड इंश्योरेंस के 1.48 लाख रुपए देने का आदेश दिया गया है।
पहली बार मौत के बाद डेबिट कार्ड से इंश्योरेंस क्लेम मिला
दरअसल जयपुर के मालवीय नगर इलाके में रहने मदनलाल गेरा की जवाहर सर्किल पर सड़क दुर्घटना में 5 मार्च 2019 को मौत हो गई। उनका पंजाब नेशनल बैंक में अकाउंट था और उस अकाउंट से एटीएम कार्ड मतलब डेबिट कार्ड जारी किया हुआ था। पिता की मौत के बाद बेटे युधिष्ठिर ने डेबिट कार्ड के 1 लाख रुपए की इंश्योरेंस की बैंक में मांग की। लेकिन बैंक ने डेबिट कार्ड इंश्योरेंस के रुपए देने से मना कर दिया। इसके बाद बेटे ने 11 जुलाई 2019 को उपभोक्ता कोर्ट में डेबिट कार्ड के इंश्योरेंस का दावा किया।
कोर्ट ने न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी को दिया यह आदेश
करीब 5 साल तक यह केस कोर्ट में चला और अब कोर्ट के द्वारा फैसला सुनाया गया है। कोर्ट ने न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी को 1 लाख रुपए और 9 प्रतिशत सालाना ब्याज दर से मृतक की पत्नी को भुगतान जारी करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही पीड़ित परिवार को शारीरिक और मानसिक पीड़ा होने के चलते 5-5 हजार रुपए देने का भी आदेश दिया है।
फ्री एक्सीडेंटल डेथ इंश्योरेंस कवरेज देता है बैंक
आपको बता दे कि डेबिट कार्ड धारक को उसकी बैंक फ्री एक्सीडेंटल डेथ इंश्योरेंस कवरेज देती है। इंश्योरेंस के लिए कार्ड धारक से न तो कोई प्रीमियम और ना ही कोई अतिरिक्त डॉक्यूमेंट लिए जाते हैं। डेबिट कार्ड पर निशुल्क बीमा कवरेज अलग-अलग बैंको के हिसाब से होता है।
सिर्फ नॉमिनी को देना पड़ता है एक कागज
एडवोकेट गोपाल शास्त्री बताते हैं कि बीमा दावा की प्रक्रिया के लिए सबसे पहले खाताधारक के नॉमिनी की जानकारी दी जाती है। इसके बाद अस्पताल का खर्च, सर्टिफिकेट और पुलिस की रिपोर्ट की कॉपी के साथ दावा पेश किया जाता है। अकाउंट होल्डर की मौत हो जाने पर नॉमिनी द्वारा मृत्यु प्रमाण पत्र जमा करवाना होता है। दुर्घटना होने के 60 दिन के भीतर ही इंश्योरेंस का दावा करना जरूरी है।
यह भी पढ़ें-दुल्हन का फेरे से पहले लीक हो गया वो वाला वीडियो, बिजनेसमैन की बेटी की टूटी शादी