सार

राजस्थान के उदयपुर से अनोखा मामला आया है। जहां 28 साल से लापता पिता को खोजने के लिए बेटा मध्यप्रदेश के बागेश्वर धाम में धीरेंद्र शास्त्री के दरबार में अर्जी लगाने पहुंचा। कुछ ऐसा हुआ कि पिता 15 दिन के अंदर संत बनकर लौट आया। जिसे कोई नहीं पहचान पाया।

धौलपुर. राजस्थान के उदयपुर जिले से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां पिछले करीब 28 साल पहले लापता हुआ एक युवक वापस अपने घर लौट आया है। हालांकि अब वह युवक नहीं बल्कि एक संत बन चुका है। गांव आने पर जब परिवार को इस बात का पता चला कि उनका परिवार का सदस्य वापस लौट आया है तो पूरा गांव ही खुशी के आंसू रोने लगा। वही जिस बेटे को संत 2 महीने की उम्र में छोड़कर चले गए थे वह बेटा तो अब फूले ही नही समा रहा है।

1995 में नौकरी करने के बहाने घर से निकला था

दरअसल, उदयपुर के जावद गांव का रहने वाला शक्ति सिंह 7 जुलाई 1995 को नौकरी जाने के लिए घर से निकला था। लेकिन 6 महीने तक उसका कुछ पता नहीं चल पाया। ऐसे में परिवार वालों ने भी उसका काफी सर्च किया लेकिन उनके हाथ भी केवल निराशा के अलावा कुछ नहीं लगा। ऐसे में करीब 1 साल बाद उन्होंने तख्त सिंह की तलाश करना ही बंद कर दिया। लेकिन घर से जाने के बाद 4 साल तो तख्त सिंह ने नौकरी की और उसके बाद 24 साल से भक्ति करना शुरू कर दिया। जिसे अब कृपालु महाराज के नाम से जाना जाता है। कृपालु महाराज ने बताया कि 24 साल पहले जब उनकी मुलाकात एक मध्य प्रदेश के संत से हुई उसके बाद से उन्होंने दीक्षा ली और फिर भक्ति करने में ही लग गए।

बागेश्वर महाराज के धाम में बेटे ने लगाई थी अर्जी

वही कृपालु महाराज के बेटे नाथू सिंह ने बताया कि उसने केवल अपने परिवार वालों से यही सुना था कि जब वह केवल 2 महीने का था तब ही उसके पिता उसे छोड़कर चले गए थे। नाथू सिंह को तो अपने पिता का चेहरा तक याद नहीं था। जब थोड़ा समझदार हुआ तो नाथू ने भी अपने पिता की तलाश करना शुरू किया। हाल ही में करीब 15 दिन पहले वह टेलीविजन पर मध्यप्रदेश के बागेश्वर महाराज के कार्यक्रमों को देख वहां पहुंचा और वहां अपने पिता के मिलने की अर्जी लगाई। अब नाथू सिंह का कहना है कि भगवान ने उनकी अर्जी कबूल कर ली और उनके पिता से मिलवा दिया।

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