सार

राजस्थान के पाली जिले के जिंदाणी परिवार में 14 सदस्य चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं। कम संसाधनों के बावजूद, परिवार ने शिक्षा को प्राथमिकता दी और आज सफलता की मिसाल हैं।

पाली (राजस्थान). आपने एक घर में खूब सारे लोगों के इंजीनियरिंग करने या डॉक्टरी की पढ़ाई करने के किस्से सुने होंगे। लेकिन क्या कभी ऐसा सुना है कि एक परिवार में एक दर्जन से ज्यादा चार्टर्ड अकाउंटेंट है। राजस्थान के पाली जिले में एक ऐसा ही परिवार रहता है।

पढ़ाई के लिए नहीं होते थे पैसे…

हम बात कर रहे हैं पाली शहर में रहने वाले जिंदाणी परिवार की। जो मूल रूप से तो जैसलमेर के रहने वाले हैं लेकिन करीब एक शतक पहले परिवार पाली में आकर बस गया। परिवार के पास ज्यादा पैसा नहीं था तो शुरू से ही परिवार में पढ़ाई का माहौल रहा। परिवार के सदस्य चार्टर्ड अकाउंटेंट कुशल बताते हैं कि उनके पिता ललितचंद मील में नौकरी करते थे। 

ऐसे सीएम बनने की कहानी हुई थी शुरू

परिवार के सीनयर सदस्य ने बताया कि हम लोग 8 भाई-बहन थे। संभव नहीं था कि किसी को बिजनेस शुरू करवाए। हालांकि उस जमाने में लड़कियों को ज्यादा पढ़ाई नहीं करवाई जाती। लेकिन पिता ने लड़के और लड़कियों दोनों को ही पढ़ाई करवाई। 1981 में बड़े भाई घीसूलाल जैन सीए बने। इसके बाद कुशल खुद भी चार्टर्ड अकाउंटेंट बन गए। वही परिवार में अन्य भाई बहन संपतराज,जयकुमार और बहन गुणबाला भी सीए बन गए।

पति-पत्नी और भाई-बहन सब हैं चार्टर्ड अकाउंटेंट

बड़े भाई घीसूलाल की बेटी पायल और दीप्ति, संपत राज के बेटे शुभम और पुत्रवधू कृति दोनों चार्टर्ड अकाउंटेंट है। वहीं बेटी स्वाति के पति भी मुंबई में चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं। कुशल की दोनों बेटियां अदिति और ऐश्वर्या भी चार्टर्ड अकाउंटेंट है। वहीं भाई जयकुमार के बेटे मनन ने हाल ही में चार्टर्ड अकाउंटेंट की परीक्षा में 46वीं रैंक हासिल की है।

सीए है सबसे कठिन एग्जाम…हजार में 3 से 4 होते हैं पास

आपको बता दें कि चार्टर्ड अकाउंटेंट परीक्षा में माना जाता है कि हजार में से केवल तीन से चार लोग ही पास होते हैं। लेकिन राजस्थान में अब इस प्रोफेशन को लेकर युवाओं में काफी ज्यादा क्रेज है। राजस्थान में भीलवाड़ा सहित कई जिले ऐसे हैं जहां के युवाओं में चार्टर्ड अकाउंटेंट प्रोफेशन को लेकर काफी रुचि है।

 

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