सार

जयपुर पुलिस ने एक बड़े नकल गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो हाईटेक तरीकों से परीक्षाओं में नकल करवा रहा था। कई परीक्षा केंद्रों के संचालक भी शामिल, लाखों रुपये बरामद।

जयपुर (राजस्थान). जयपुर पुलिस ने हाल ही में एक बड़े नकल गिरोह का पर्दाफाश किया, जो विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में अभ्यर्थियों को नकल करवाने का संगठित रैकेट चला रहा था। पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने इस पूरे मामले की जांच के लिए एडिशनल डीसीपी आलोक सिंघल की अध्यक्षता में एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया।

नेशनल सीड्स कॉर्पोरेशन की भर्ती परीक्षा

रविवार को नेशनल सीड्स कॉर्पोरेशन की भर्ती परीक्षा के दौरान वैशाली नगर थाने के थानाधिकारी रविंद्र सिंह नरूका को नकल गिरोह की जानकारी मिली। पुलिस ने तकनीकी निगरानी से परमजीत, जोगेंद्र, और उनके साथियों का पता लगाया। चित्रकूट थाने के थानाधिकारी जहीर अब्बास ने नितेश जाखड़ और सुमित चौधरी को हिरासत में लिया। इनकी पूछताछ से अन्य संदिग्धों के नाम उजागर हुए।

हाईजैक नकल का खजाना हैरान करने वाला था

पूछताछ में खुलासा हुआ कि शास्त्री नगर में स्थित एसजेएम कंप्यूटर कॉलेज के संचालक संदीप ने नकल करवाने के लिए विभिन्न सॉफ्टवेयर और डिजिटल उपकरणों का उपयोग किया। पुलिस ने कॉलेज से 1,68,500 रुपए नकद, एडमिट कार्ड, चेक, लैपटॉप, वाई-फाई राउटर, प्रिंटर-स्कैनर, और अन्य उपकरण जब्त किए।

एडवांस लेकर पेपर सॉल्व करवाते थे

पुलिस जांच में सामने आया कि यह गिरोह परीक्षा केंद्रों के संचालकों के साथ मिलकर नकल का नेटवर्क चला रहा था। इस रैकेट में हैरिटेज वायुना स्कूल खातीपुरा, वैदिक कन्या स्कूल, और द लॉरेंस स्कूल मानसरोवर के संचालक भी शामिल थे। ये लोग प्रत्येक अभ्यर्थी से 50,000 रुपए एडवांस लेकर पेपर सॉल्व करवाते थे।

नकल के लिए इस सॉफ्टवेयर का किया था इस्तेमाल

गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि दिसंबर 2024 में रेलवे तकनीकी परीक्षा के दौरान भी उन्होंने सीकर के एक परीक्षा केंद्र पर इसी तरह नकल करवाई थी। नकल के लिए TEAM VIEWER और AMMYY ADMIN जैसे सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया।

राजस्थान पुलिस को मिली बड़ी सफलता

पुलिस ने इस मामले में संदीप कुमार, बलबीर, कश्मीर झाझड़िया, नितेश कुमार, सुमित सिंह, मनीष कुमार, नवीन सारण, और अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनके पास से सीपीयू, लैपटॉप, डीवीआर, और अन्य डिजिटल उपकरण जब्त किए गए हैं। जयपुर पुलिस की यह कार्रवाई नकल के संगठित रैकेट के खिलाफ एक बड़ी सफलता है।

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