सार

जालोर के भीनमाल में दिवाली की खुशी मातम में बदल गई। शॉर्ट सर्किट से लगी आग में एक ही परिवार के तीन लोगों की जान चली गई। पति काम से बाहर गया था, पत्नी और दो बच्चों की घर में मौत हो गई।

जालोर (राजस्थान). जालोर जिले के भीनमाल में महावीर चौराहे पर स्थित एक छोटे से घर में दिवाली की खुशियां पलभर में सागर की लहरों की तरह डूब गईं। चेतन कुमार ठाकुर का परिवार उस दिन पूरी तरह खुश था। उन्होंने धनतेरस के अवसर पर नई बाइक खरीदी थी और पूरी योजना थी कि जल्दी ही अपनी पत्नी कविता और बच्चों के साथ बाहर घुमने जाएंगे। मगर उस दिन ने उनका जीवन हमेशा के लिए बदल दिया।

कुछ ही घंटों में यह परिवार हो गया त्रासदी का शिकार

चेतन कुमार ठाकुर, जो भीनमाल में एक निजी स्कूल चलाते हैं…ने बताया कि 3 नवंबर को सुबह वह सिरोही फाइनेंस का काम निपटाने के लिए निकले थे। घर में पत्नी कविता और दो बच्चे गौरवी 5 साल और ध्रुव 10 साल ही थे। चेतन ने बच्चों से कहा था कि वह जल्द ही लौट आएंगे और फिर सभी साथ में घूमने जाएंगे। मगर कुछ ही घंटों में यह परिवार त्रासदी का शिकार हो गया।

पड़ोसी बोले-दिल दहला देने वाला दृश्य था

सिरोही में फाइनेंस का काम पूरा करने के बाद, चेतन को पड़ोसियों का फोन आया। जिसमें बताया गया कि उनके घर में आग लग गई है। जैसे ही वह घर पहुंचे, उनके सामने एक दिल दहला देने वाला दृश्य था। उनकी पत्नी और बच्चों की लाशें जल चुकी थीं। उस छोटे से कमरे में एसी में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लग गई थी और बंद खिड़कियों के कारण धुआं कमरे में भर गया। कविता और बच्चे सो रहे थे और कोई भी बाहर निकलने का मौका नहीं पा सका।

 खुशी और प्यार भरी जिंदगी जी रहा था परिवार

शादी के बाद 2011 से उनकी जीवन की यात्रा खुशी और प्यार से भरी हुई थी। दीपावली पर कविता ने लाल साड़ी पहनी थी और बच्चों ने नए कपड़े खरीदे थे। यह तस्वीर अब उनकी जीवन की अंतिम तस्वीर बनकर रह गई। पुलिस और एफएसएल की प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट को आग का कारण माना गया है। इस दिल दहला देने वाली घटना ने चेतन कुमार ठाकुर को बुरी तरह झकझोर दिया है। वह बार-बार सोचते हैं कि यदि वह उस दिन घर से न निकलते तो शायद उनके परिवार की खुशियां अब भी सलामत होतीं।

बेबस पिता ने एक चिता पर किया दो बच्चों और पत्नी का अंतिम संस्कार

कल ही एक चिता पर पत्नी और दोनों बच्चों का अंतिम संस्कार किया गया है। पुलिस ने बताया कि दम घुटने के कारण तीनों बेहोश हो गए थे। उसके बाद आग लगी तो उनके शव अस्सी फीसदी तक जल गए। बस शवों के कुछ हिस्से ही बचे थे, जिनका की परिवार ने अंतिम संस्कार किया है।

 

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