सार
राजस्थान में भाजपा और कांग्रेस दोनों में इस बार मुस्लिम कैंडिडेट्स को टिकट देने में कटौती की है। फिर भी कांग्रेस ने इस बार 13 मुस्लिम कैंडिडेट्स को टिकट दिया है जबकि इसके विपरीत भाजपा ने एक भी मुस्लिम कैंडिडेट को टिकट नहीं दिया।
जयपुर। राजस्थान में 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव होना है और इस चुनाव के बाद यह तय हो जाएगा कि कौन सी पार्टी को अगले 5 साल राजस्थान की 7 करोड़ जनता ने चुना है। इस बीच चुनाव प्रक्रिया का सबसे बड़ा काम हो चुका है यानी उम्मीदवारों का चयन। दोनों बड़ी पार्टियों समेत कई अन्य पार्टियों ने अपने-अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं और उन्होंने नामांकन भर दिया है। इस बीच आपको बताते हैं कि राजस्थान में भाजपा और कांग्रेस पार्टी ने अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र से कितने मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं।
कांग्रेस ने इन 13 सीटों पर उतारे मुस्लिम कैंडिडेट
कांग्रेस ने 200 विधानसभा सीटों में से 13 सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं, इनमें जयपुर की आदर्श नगर सीट से रफीक खान , जयपुर की किशनपोल सीट से अमीन कागजी, मकराना सीट से जाकिर हुसैन, फतेहपुर सीट से हाकम अली, नगर सीट से वाजिब अली, पोकरण सीट से सालेह मोहम्मद , कामां सीट से जाहिदा खान, तिजारा सीट से इमरान खान, रामगढ़ सीट से जुबेर खान, सूरसागर सीट से शहजाद खान, शिव विधानसभा सीट से अमीन खान, पुष्कर सीट से नसीम अख्तर इंसाफ, सवाई माधोपुर सीट से दानिश अबरार और चूरू सीट से रफीक मंडेलिया शामिल है। यह सभी बड़े नाम है और अपनी अपनी सीट जीतने का दावा कर रहे हैं।
भाजपा ने एक भी मुस्लिम कैंडिडेट को नहीं दिया टिकट
कांग्रेस के 13 मुस्लिम कैंडिडेट के जवाब में भाजपा ने एक भी मुस्लिम कैंडिडेट को टिकट नहीं दिया। यानी भारतीय जनता पार्टी ने 200 विधानसभा सीट में से किसी भी सीट पर मुस्लिम उम्मीदवार को नहीं उतारा है। भाजपा के एकमात्र मुस्लिम उम्मीदवार यूनुस खान टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर निर्दलीय मैदान में उतर चुके हैं। उन्हें लगता है अगर वह जीत जाएंगे तो फिर से पार्टी बैक डोर एंट्री कर लेगी।
दोनों पार्टियों में मुस्लिम कैंडिडेट्स में की कटौती
इस बार दोनों ही पार्टियों ने मुस्लिम उम्मीदवारों की संख्या में कटौती की है। 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने 15 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिए थे , इस बार इनकी संख्या घटकर 13 रह गई है । जबकि बीजेपी ने यूनुस खान को टिकट दिया था वह जीते भी, लेकिन इस बार उनका टिकट काट दिया गया।
2013 में कांग्रेस ने 16 और भाजपा ने चार मुस्लिम कैंडिडेट उतारे थे
साल 2013 के विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो इस दौरान कांग्रेस ने 16 उम्मीदवार उतारे थे , जिनमें से अधिकतर जीते भी थे। उनके जवाब में भारतीय जनता पार्टी ने चार मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में उतारे थे, जिनमें से दो चुनाव जीत गए थे ।
भाजपा ने संत-महंत पर खेला दांव
भारतीय जनता पार्टी ने इस बार साधु, संत और महंत पर बड़ा दाव खेला है । इस बार हर बार की तुलना में सबसे ज्यादा महंत या साधु संत चुनाव में उतारे गए हैं। बात अगर मुस्लिम जनसंख्या की करें तो साल 2011 की जनगणना के अनुसार राजस्थान में 62 लाख मुस्लिम थे, अनुमान लगाया जा रहा है कि यह संख्या बढ़कर अब एक करोड़ से भी ज्यादा पहुंच चुकी है।