सार

राजस्थान में हर शहर और हर गांव में चुनावी शोर है। इस बीच चर्चा एक ऐसे प्रत्याशी की हो रही है, जो अपना 32वां चुनाव लड़ रहे हैं। वह सरपंच से लेकर सांसद तक का चुनाव लड़ चुके हैं। लेकिन एक बार भी नहीं जीते। तीतर सिंह ने पहला चुनाव 1985 में लड़ा था।

श्रीगंगानगर.  राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2023 के लिए मतदान होने में अब करीब 18 दिन का समय बचा हुआ है। राजस्थान में नामांकन प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है। तमाम 200 विधानसभा सीटों पर हुए नामांकन पत्र की आज जांच होगी। यदि किसी नामांकन पत्र में गड़बड़ी पाई जाती है तो प्रत्याशी चुनाव नहीं लड़ पाएगा। लेकिन इसी बीच राजस्थान में एक प्रत्याशी की चर्चा हो रही है क्योंकि यह उसका पहला नहीं बल्कि 32 वां चुनाव है।

सरपंच से सांसद तक का लड़ चुके हैं चुनाव

चौंकिए यह हकीकत है। हम बात कर रहे हैं राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले की श्रीकरणपुर विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार तीतर सिंह की। जिनकी हर बार जमानत जप्त होती है लेकिन फिर भी वह चुनाव लड़ना नहीं छोड़ते हैं। वह सरपंच से लेकर लोकसभा का चुनाव तक की लड़ चुके हैं।

बुजुर्ग की सिर्फ एक ही ख्वाहिश...

तीतर सिंह कहते हैं कि उनकी केवल एक ही ख्वाहिश है कि जिस दिन भी वह चुनाव जीतते हैं उस दिन से वह जनप्रतिनिधि बनकर अपने इलाके के गरीबों का उत्थान करेंगे और साथ ही वह चाहते हैं कि सबसे ज्यादा चुनाव लड़ने के लिए उनका नाम गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो।

तीतर सिंह ने पहला चुनाव 1985 में लड़ा था

आपको बता दे की तीतर सिंह ने पहला चुनाव 1985 में लड़ा था। उस दौरान वह मजदूरी का काम करते थे। इसके बाद उन्होंने हर बार विधानसभा और लोकसभा सहित सरपंच और पंचायत समिति के चुनाव के लिए भी अपने नामांकन दाखिल किए। आपको बता दे की तीतर सिंह केवल पांचवी तक पढ़ाई कर चुके हैं। गरीब होने के चलते इनके पास कई बार जब नामांकन दाखिल करने के लिए पैसे नहीं होते तो यह अपने घर का सामान और बकरियां भी बेच देते हैं लेकिन चुनाव जरूरी लड़ते हैं।