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OM Banna:दुनिया का अनोखा मंदिर जहां भगवान के बजाए बाइक की होती है पूजा, प्रसाद में चढ़ती है शराब, गजब है इसकी कहानी
राजस्थान के पुष्कर में ब्रह्माजी का मंदिर, सीकर में बाबा खाटूश्याम, सांवलिया सेठ मंदिर और चूरू में बाबा सालासर जैसे विश्व प्रसिद्ध मंदिर के बारे में जानते होंगे। लेकिन प्रदेश में प्रसिद्ध जोधपुर के बुलेट बाबा मंदिर के बारे में शायद ही जानते होंगे।
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अक्सर आपने सुना है कि बुलेट मोटरसाइकिल अपने शाही सफर और शाही लुक के लिए जानी जाती है। जिस पर कोई भी सवार क्यों ना हो वह अच्छा ही लगता है। लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि इसी बाइक की कहीं मंदिर बनाकर पूजा भी की जाए। क्योंकि ऐसा हकीकत में है। हम बात कर रहे हैं राजस्थान की बुलेट बाइक वाले मंदिर यानी ओम बन्ना सा के मंदिर की।
यह मंदिर जोधपुर से पाली जाते वक्त रास्ते में आता है। जो सड़क किनारे ही बना हुआ है। मंदिर में भगवान की मूर्ति नहीं बल्कि वही के ही रहने वाले सड़क हादसे में मृत ओम सिंह राठौड़ की मूर्ति है और उनकी बाइक एक कांच के बॉक्स में रखी गई है। बताया जाता है कि सालों पहले ओम सिंह राठौड़ की एक सड़क दुर्घटना में मौत हुई। ओम सिंह राठौड़ अपनी बाइक पर ससुराल से गांव आ रहे थे।
घटना के बाद जब उनकी बाइक को पुलिस थाने ले जाया गया तो अगले दिन पुलिसकर्मियों को वह बाइक थाने पर नहीं मिली। वह बाइक पुलिसकर्मियों को उसी जगह मिली जहां ओम सिंह राठौड़ का एक्सीडेंट हुआ। करीब तीन से चार बार पुलिस बाइक को लेकर आई और उसे बड़े - बड़े लॉक के साथ बांधा भी गया लेकिन पुलिस को वह वह बाइक वापस उसी जगह मिलती जहां हादसा हुआ था।
इसी बात को लेकर ग्रामीण और पुलिस आश्चर्यचकित हो गई। जिन्होंने निर्णय किया कि ओम सिंह राठौड़ का ओम बन्ना सा धाम के नाम से मंदिर बनाया जाएगा जिसमें उनकी मूर्ति के अलावा उनकी बाइक को भी रखा जाएगा।
उसके बाद सड़क किनारे इस मंदिर की स्थापना हुई। मान्यता है कि मंदिर में आज भी देर रात ओम सिंह राठौड़ आते हैं और अपनी बाइक को लेकर जोधपुर के आसपास अपनी गांव की उन सड़कों पर घूमते हैं और यदि किसी को कोई सड़क पर परेशानी होती है तो उसकी मदद भी करते हैं
वही इस मंदिर में प्रसाद की जगह नारियल या कोई मिठाई नहीं चढ़ाई जाती बल्कि यहां तो शराब का भोग लगाया जाता है। इस मंदिर में हर महीने करीब 30 से 40 हजार लोग दर्शन करते हैं। मंदिर का ऐसा चमत्कार है कि यदि कोई इस मंदिर में हाजिरी देने के बाद रवाना होता है तो वह और उसके साथी सड़क पर सुरक्षित रहते हैं। हालांकि यहां सिर्फ शराब का भोग लगाने की प्रथा है लेकिन किसी भी व्यक्ति को सेवन करने से मना है।