सार

ख्वाजा साहब के उर्स में पीएम मोदी की चादर पर विवाद। हिंदू सेना ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर चादर चढ़ाने पर रोक लगाने की मांग की। आज सुनवाई।

अजमेर. विश्वविख्यात राजस्थान के अजमेर जिले में स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में सालाना उर्स शुरू हो चुका है। इस उर्स में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चादर पेश करने के लिए आज केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू अजमेर आ रहे हैं। जो यहां पर चादर पेश करेंगे और प्रधानमंत्री मोदी का संदेश पढ़कर सुनाएंगे। लेकिन प्रधानमंत्री की चादर पेश होने पर ही बवाल शुरू हो चुका है। हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर चादर पेश करने को लेकर स्टे के आदेश जारी करने की मांग को लेकर अजमेर पश्चिम की सिविल कोर्ट संख्या एक में अर्जी दाखिल की है। आज इस अर्जी पर सुनवाई होनी है।

जानिए क्यों पीएम मोदी को मना कर रहा ये शख्स

विष्णु गुप्ता ने अपनी इस अर्जी में उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी के हैंए केंद्रीय अल्पसंख्यक विभागए पुरातत्व विभाग और ख्वाजा गरीब नवाज दरगाह कमेटी है। यह सभी भी सरकार के विभिन्न अंग है। जब सरकार के ही मुखिया के द्वारा चादर पेश की जाती है तो फिर न्याय करेगा कौन।

पीएम मोदी को लेटर लिखकर किया यह आग्रह

गुप्ता ने कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। इसलिए जब तक कोर्ट में मामला चल रहा है तब तक चादर पर रोक लगनी चाहिए। संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति दरगाह में चादर नहीं भेजे इस बात पर भी रोक लगनी चाहिए। गुप्ता के द्वारा प्रधानमंत्री कार्यालय के सचिव को भी लेटर लिखकर दरगाह में चादर नहीं भेजने का आग्रह किया गया था।

क्या अजमेर दरगाह में हैं शिव मंदिर?

आपको बता दें कि गुप्ता ने ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा करते हुए अजमेर की पश्चिम सिविल कोर्ट संख्या एक में याचिका दायर की थी। जिसमें उनके द्वारा अजमेर दरगाह कमेटीए भारतीय पुरातत्व विभाग और केंद्रीय अल्पसंख्यक विभाग को पक्षकार बनाया था। हालांकि यह मामला अभी कोर्ट में है जिस पर 24 जनवरी को सुनवाई होनी है।