सार
ram navami 2025 : देश ही नहीं दुनिया भर में रामनवमी पर्व यानि रामलला का जन्मोंत्सव मनाया जा रहा है। अयोध्या से लेकर काशी तक राम दरबार दुल्हन की तरह सज चुके हैं। इसी बीच मूंछों वाले राम लक्षमण के दर्शन कीजिए…
झुंझुनूं. राजस्थान के झुंझुनूं जिले में स्थित खेतड़ी रियासत न सिर्फ अपने भव्य किलों और महलों के लिए जानी जाती है, बल्कि यहां मौजूद मंदिरों की विरासत भी इसे ‘मिनी काशी’ का दर्जा दिलाती है। इसी धार्मिक धरोहर का सबसे खास प्रतीक है – खेतड़ी का बड़ा मंदिर, जहां भगवान श्रीराम, लक्ष्मण और सीता की मूर्तियां विराजमान हैं। लेकिन इस मंदिर की सबसे अनोखी बात यह है कि यहां भगवान श्रीराम और लक्ष्मण की मूर्तियों में मूंछें बनी हुई हैं, जो इसे पूरे देश में विशिष्ट बनाती हैं।
राजा बख्तावर सिंह ने बनवाया था यह मंदिर
बताया जाता है कि यह मंदिर खेतड़ी के पांचवें राजा बख्तावर सिंह ने बनवाया था, जिनका शासन 1826 से 1829 तक रहा। राजा की तीसरी रानी चूड़ावत श्रीराम की परम भक्त थीं। उन्होंने ही राजा से अनुरोध किया कि जिस प्रकार आप राजसी मूंछें रखते हैं, वैसे ही भगवान श्रीराम की मूर्ति भी होनी चाहिए। रानी की आस्था और भावनाओं का सम्मान करते हुए राजा ने इस अनूठे मंदिर का निर्माण कराया और भगवान राम-लक्ष्मण की मूंछों वाली मूर्तियों की स्थापना करवाई।
रामनवमी पर इस मंदिर में लगती है भीड़
यह मंदिर खेतड़ी के ऐतिहासिक तालाब के समीप स्थित है और वर्तमान में देवस्थान विभाग के संरक्षण में है। हालांकि, रामनवमी जैसे विशेष पर्वों पर यहां कोई बड़ा आयोजन नहीं होता, जबकि पास ही स्थित रामायण सत्संग मंदिर में भव्य आयोजन होते हैं।
खेतड़ी को क्यों कहते हैं 'मिनी काशी'
- खेतड़ी को 'मिनी काशी' यूं ही नहीं कहा जाता। यहां पर 108 मंदिर हैं जो रजवाड़ों के कालखंड में बनवाए गए थे। प्रसिद्ध संत स्वामी विवेकानंद भी खेतड़ी के राजा अजीत सिंह के निमंत्रण पर इस मंदिर में दर्शन हेतु आ चुके हैं।
- यह मंदिर आज भी धार्मिक आस्था का केंद्र बना हुआ है और प्रतिदिन स्थानीय श्रद्धालु यहां दर्शन करने पहुंचते हैं। खेतड़ी आने वाला हर श्रद्धालु इस मूंछों वाले रामलला के दर्शन के बिना अपनी यात्रा अधूरी मानता है।