सार
कोटा। जीवन में कुछ घटनाएं ऐसी होती हैं जो पल भर में खुशियों को मातम में बदल देती हैं। ऐसी ही एक घटना कोटा के दादाबाड़ी इलाके में रहने वाले देवेंद्र संदल और उनकी पत्नी दीपिका के जीवन में हुई। मंगलवार को देवेंद्र का आखिरी कार्यदिवस था। उनकी विदाई पार्टी में जो खुशियों और सम्मान का माहौल था, वह अचानक गम में बदल गया।
खुशियों का पल मातम में बदला
देवेंद्र संदल, जो सेंट्रल वेयरहाउस में मैनेजर के पद पर कार्यरत थे, ने अपनी पत्नी की खराब सेहत को ध्यान में रखते हुए तीन साल पहले ही वॉलंट्री रिटायरमेंट (वीआरएस) लेने का फैसला किया था। उन्होंने अपने जीवन के अगले अध्याय की शुरुआत करने के लिए यह निर्णय लिया। मंगलवार को ऑफिस में उनके विदाई समारोह का आयोजन किया गया। इस मौके पर उनकी पत्नी दीपिका भी उनके साथ थीं।
माला पहना ही नीचे गिरी पत्नी वापस नहीं उठी
समारोह में सब कुछ सामान्य और उत्साहपूर्ण चल रहा था। दीपिका अपने पति की खुशी में शामिल होकर सभी से मुस्कुराते हुए मिल रही थीं। जैसे ही देवेंद्र और दीपिका ने एक-दूसरे को विदाई की माला पहनाई, दीपिका अचानक कुर्सी से गिर गईं। वहां मौजूद लोगों ने उन्हें उठाने और होश में लाने की कोशिश की, लेकिन स्थिति बिगड़ती गई। उन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। दीपिका पिछले कई सालों से हृदय रोग से पीड़ित थीं। उनका स्वास्थ्य अक्सर खराब रहता था, और यही वजह थी कि देवेंद्र ने समय से पहले रिटायरमेंट लेकर उनके साथ अधिक समय बिताने का फैसला किया था। इस घटना ने परिवार और दोस्तों को गहरे सदमे में डाल दिया।
खुशियों का पल मातम में बदला
परिवार के सदस्य और रिश्तेदार, जो घर पर देवेंद्र के स्वागत के लिए फूलों और मालाओं के साथ तैयार थे, इस हादसे से स्तब्ध रह गए। जिस घर में खुशियां मनाने की तैयारी थी, वहां अचानक मातम छा गया। रिश्तेदारों ने बताया कि दीपिका धार्मिक प्रवृत्ति की महिला थीं और उन्होंने कुछ दिनों पहले ही दान-पुण्य के कार्य किए थे।
इस घटना ने यह सिखाया कि जीवन अनिश्चितताओं से भरा हुआ है। देवेंद्र और उनके परिवार की यह कहानी उन सभी के लिए एक संदेश है जो अपने प्रियजनों के साथ समय बिताने की अहमियत को समझते हैं।