सार

success story of barmer farmer : बाड़मेर के किसान माधोसिंह ने सरकारी नौकरी छोड़ रेगिस्तान में चीकू और संतरे उगाए। पारंपरिक खेती छोड़, आज लाखों कमा रहे हैं और दूसरों को प्रेरित कर रहे हैं।

बाड़मेर. राजस्थान का बाड़मेर जिला। वैसे तो इस इलाके को रेगिस्तान की पहचान मिली हुई है। लेकिन क्या आप जानते हैं इस रेगिस्तान की जमीन पर एक किसान है जो चीकू और संतरे की खेती कर रहे हैं। खेती करने को लेकर इनका ऐसा जुनून था कि इन्होंने सरकारी नौकरी छोड़कर खेती करना शुरू किया।

यह किसान राजस्थान के बाड़मेर जिले के सिलोर गांव के रहने वाले

हम बात कर रहे हैं राजस्थान के बाड़मेर जिले के सिलोर गांव के रहने वाले किसान माधोसिंह राजपुरोहित की। जो पहले राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम में बस कंडक्टर की नौकरी करते थे। इसी नौकरी को छोड़कर उन्होंने खेती करना शुरू किया और आज सालाना लाखों रुपए कमा रहे हैं।

खेती की लिए छोड़ दी अच्छी-खासी नौकरी

  • माधोसिंह बताते हैं कि पढ़ाई के साथ-साथ उन्हें हमेशा से खेती में भी इंटरेस्ट था। वह गांव के किसानों के पास जाकर खेती के तरीके सीखते थे लेकिन नौकरी लगने के बाद इतना समय नहीं मिल पाता था कि वह खेती करें। नौकरी करते हुए ही माधोसिंह को लगा कि यह नौकरी उनके लिए नहीं है।
  • इसके बाद नौकरी छोड़कर माधोसिंह ने गांव में खेती करना शुरू किया। गांव के बाकी किसान पारंपरिक खेती कर रहे थे। ऐसे में माधोसिंह ने सोचा कि पारंपरिक खेती नहीं करके अपनी जमीन में फ्रूट्स उगाएंगे। इसके बाद उन्होंने चीकू और संतरे के पौधे लगाए। आज वह पौधे पेड़ बन चुके हैं और अब उन पर फल भी उगने लगे हैं।

खेती से सालाना लाखों रुपए कमा रहे हैं किसान

माधोसिंह इस खेती से सालाना लाखों रुपए कमा रहे हैं। साथ ही क्षेत्र के अन्य किसानों को इस बारे में जागरुक कर रहे हैं। माधोसिंह बताते हैं कि वैसे तो इलाके में तापमान ज्यादा होने के चलते पौधों के जलने का डर रहता है। लेकिन खेत की चारदीवारी पर बड़े पेड़ लगाकर तापमान को कुछ हद तक कम किया जा सकता है।