BDS Student Suicide: उदयपुर के डेंटल कॉलेज में BDS छात्रा की आत्महत्या ने शिक्षा तंत्र की काली सच्चाई उजागर कर दी। सुसाइड नोट में लगाए गए गंभीर आरोपों से हड़कंप! पक्षपात, मानसिक शोषण और करियर बर्बादी का दिल दहला देने वाला खुलासा।
Udaipur Dental Student Suicide: झीलों की नगरी कहे जाने वाले उदयपुर में गुरुवार की रात एक दर्दनाक और चौंकाने वाली घटना हुई, जिसने पूरे शिक्षा जगत को हिला कर रख दिया। पैसेफिक डेंटल कॉलेज की BDS फाइनल ईयर की छात्रा श्वेता सिंह (25) ने हॉस्टल के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। जम्मू-कश्मीर की रहने वाली श्वेता एक पुलिसकर्मी की इकलौती संतान थी।
“पैसे वालों को डिग्री, मेहनती छात्रों को टॉर्चर”-सुसाइड नोट में लिखी पीड़ा
घटना के बाद जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो श्वेता के कमरे से एक चार पेज का सुसाइड नोट बरामद हुआ। इसमें उसने कॉलेज प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। श्वेता ने लिखा: “पैसे वालों को पास कर दिया जाता है, और मेहनती बच्चों को बार-बार फेल किया जाता है। हमारा करियर बर्बाद कर दिया गया है… मैं अब और नहीं झेल सकती।” सुसाइड नोट में दावा किया गया कि कॉलेज प्रबंधन मानसिक उत्पीड़न करता है, इंटरनल परीक्षाएं मनमर्जी से टाली जाती हैं और भ्रष्टाचार के जरिए छात्रों को पास किया जाता है।
श्वेता की मौत के बाद भड़का छात्रों का गुस्सा
शुक्रवार सुबह से ही कॉलेज कैंपस में भारी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। छात्रों ने 'We Want Justice' के नारे लगाए और मेन गेट को बंद कर दिया। हॉस्पिटल की ओर जाने वाला रास्ता भी जाम कर दिया गया। छात्रों का कहना है कि यह सिर्फ श्वेता का मामला नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम की विफलता है।
क्या शिक्षा व्यवस्था बन चुकी है मानसिक शोषण का अड्डा?
घटना ने भारत की शिक्षा प्रणाली पर एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। क्या निजी मेडिकल व डेंटल कॉलेजों में छात्रों को शोषण, पक्षपात और मानसिक उत्पीड़न का शिकार होना पड़ रहा है? छात्राओं की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर अब राज्य प्रशासन पर दबाव बढ़ रहा है।
पुलिस कर रही है जांच, लेकिन क्या मिलेगा न्याय?
फिलहाल पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है और सुसाइड नोट को आधार बनाकर जांच शुरू की है। लेकिन सवाल यह है कि क्या इस आत्महत्या के पीछे छुपे "शिक्षा माफिया" के चेहरे बेनकाब होंगे? या फिर ये मामला भी समय के साथ ठंडे बस्ते में चला जाएगा?
