udaipur files film controversy : उदयपुर फाइल्स फिल्म को लेकर देश में विवाद गहरा गया है। यह मूवी 11 जुलाई को सिनेमा घरों में रिलीज होने वाली है। विहिप इसे सच्चाई बता रही है, जबकि जमीयत ने फिल्म पर रोक की मांग की है।
udaipur files film controversy : उदयपुर में दर्जी कन्हैयालाल की निर्मम हत्या पर आधारित फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ को लेकर देश में बहस तेज हो गई है। फिल्म के ट्रेलर लॉन्च के साथ ही विवाद ने राजनीतिक और धार्मिक रंग ले लिया है। एक ओर जहां विश्व हिंदू परिषद (विहिप) इस फिल्म को सच्चाई का आईना बता रही है, वहीं दूसरी ओर जमीयत उलेमा-ए-हिंद और जमाअत-ए-इस्लामी हिंद जैसी मुस्लिम संस्थाएं फिल्म पर रोक लगाने की मांग कर रही हैं।
विहिप का कहना- सच्चाई से क्यों डर रही जमीयत?
विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता अमितोष पारीक ने तीखा हमला करते हुए कहा कि फिल्म अगर कन्हैयालाल की हत्या के पीछे के जिहादी मानसिकता को उजागर करती है, तो इससे किसी को आपत्ति क्यों होनी चाहिए? उन्होंने सवाल उठाया कि क्या सच्चाई सामने आना अब गलत है? उनका कहना है कि 'कश्मीर फाइल्स' और 'केरल स्टोरी' जैसी फिल्मों ने भी समाज के सामने कई गंभीर पहलू रखे और उन्हें जनता ने स्वीकार किया।
उदयपुर फाइल्स को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका
सेंसर बोर्ड पर भी सवाल उधर, जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर फिल्म पर प्रतिबंध की मांग की है। उनका तर्क है कि फिल्म एक खास धर्म को बदनाम करने का प्रयास करती है और इससे देश का सांप्रदायिक सौहार्द प्रभावित हो सकता है। संगठन ने सेंसर बोर्ड की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं कि ऐसी फिल्म को हरी झंडी कैसे मिली।
फिल्म को लेकर राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजने की तैयारी
स विवाद में जमाअत-ए-इस्लामी हिंद भी कूद पड़ी है। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद नाजिम का कहना है कि फिल्म सस्ती लोकप्रियता और राजनीतिक लाभ के उद्देश्य से बनाई गई है। उन्होंने राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा कि अगर फिल्म रिलीज होती है, तो वे कानूनी और लोकतांत्रिक तरीके से उसका विरोध करेंगे।
फिल्म के सच पर दो समुदाय आमने सामने
‘उदयपुर फाइल्स’ एक बार फिर सिनेमा और समाज के बीच की रेखा को चर्चा के केंद्र में ला चुकी है। फिल्म की रिलीज को लेकर जहां समर्थन और विरोध आमने-सामने हैं, वहीं सवाल यही उठता है कि क्या सिनेमा को सच्चाई दिखाने की आज़ादी होनी चाहिए या धार्मिक भावनाओं की रक्षा पहले?
