सार

BSF ने भारत-पाक सीमा पर ड्रोन से निपटने के लिए 'त्रिशूल' नामक एक अनोखा व्हीकल-माउंटेड एंटी ड्रोन सिस्टम तैयार किया है। यह सिस्टम तीन इंसास राइफलों से लैस है और 1500 मीटर की ऊंचाई तक ड्रोन मार गिरा सकता है।

जोधपुर. भारत-पाक सीमा पर सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए बीएसएफ ने एक अनोखा और देसी समाधान तैयार किया है। सीमा पर ड्रोन के बढ़ते खतरों को देखते हुए, बीएसएफ की बीकानेर सेक्टर की 140 बटालियन ने एक व्हीकल-माउंटेड एंटी ड्रोन सिस्टम विकसित किया है। यह सिस्टम भारतीय सैनिकों द्वारा खुद तैयार किया गया है और इसे "त्रिशूल" नाम दिया गया है।

करणी माता के त्रिशूल से प्रेरित है यह सिस्टम

इस सिस्टम का आकार करणी माता के त्रिशूल से प्रेरित है। यह खास तौर पर पाकिस्तानी ड्रोन को गिराने के लिए डिजाइन किया गया है, जो अक्सर हेरोइन और अन्य अवैध सामग्रियां गिराने के लिए भारतीय सीमा में प्रवेश करते हैं। इस सिस्टम में तीन इंसास राइफलें लगाई गई हैं, जो एक साथ फायर करने में सक्षम हैं। यह 2x2 के घेरे में 400 मीटर तक निशाना साध सकता है और 1500 मीटर की ऊंचाई तक ड्रोन को मार गिरा सकता है।

दूरस्थ इलाकों में भी नजर रखना हुआ आसान

ड्रोन की पहचान और फायरिंग के लिए एक विशेष नाइट राइडर टीम (एनआरटी) गठित की गई है। इस टीम में पांच जवान तैनात किए गए हैं, जो गश्त करते हुए ड्रोन की गतिविधियों पर नजर रखते हैं। यह टीम पांच से सात किलोमीटर के क्षेत्र में पेट्रोलिंग करती है। सिस्टम को गाड़ी पर माउंटेड किया गया है, जिससे इसे सीमा के अंदर दूरस्थ इलाकों में भी आसानी से ले जाया जा सकता है।

सीमा पर तस्करी और घुसपैठ होगी बंद

बीएसएफ के अनुसार, पहले यह सिस्टम जमीन पर स्थापित किया गया था, लेकिन यह सीमित प्रभावी था। अब व्हीकल-माउंटेड सिस्टम के रूप में इसे ज्यादा कारगर और गतिशील बनाया गया है। सिस्टम के माध्यम से ड्रोन को ट्रैक करके तुरंत फायरिंग की जाती है, जिससे सीमा पर तस्करी और घुसपैठ को रोका जा सके। बीएसएफ के इस प्रयास से सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था और सशक्त हुई है। इसका उद्देश्य केवल ड्रोन से निपटना ही नहीं, बल्कि यह संदेश देना भी है कि भारत की सीमाएं सुरक्षित और अडिग हैं।