Abdul Rehman Conversion Mastermind: अब्दुल रहमान धर्मांतरण गिरोह का मास्टरमाइंड, डार्क वेब और टेक्नोलॉजी में माहिर, पाकिस्तानी संगठनों से संपर्क, फिलिस्तीन को भेजी जा रही थी फंडिंग, पुलिस जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे।

Agra Religious Conversion Case: उत्तर प्रदेश के आगरा में सामने आए धर्मांतरण गैंग ने न केवल राज्य पुलिस, बल्कि पूरे देश की सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने प्रेस वार्ता में जब पूरे रैकेट का खुलासा किया, तो यह सिर्फ एक स्थानीय मामला नहीं बल्कि एक अंतरराष्ट्रीय साजिश की झलक लेकर सामने आया।

इस पूरे नेटवर्क की जड़ें सीधे कश्मीर और पाकिस्तान से जुड़ी पाई गई हैं। ‘मिशन अस्मिता’ के तहत कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार किया है।

धर्म परिवर्तन की साजिश में क्यों जुड़ा पाकिस्तान और कश्मीर?

इस मामले की सबसे चौंकाने वाली परत तब खुली जब पुलिस जांच में यह सामने आया कि इस रैकेट का संचालन पाकिस्तान के दो सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर, तनवीर अहमद और साहिल अदीब - द्वारा किया जा रहा था। कश्मीर की लड़कियों को इस नेटवर्क में अहम भूमिका दी गई थी। ये लड़कियां युवाओं को कश्मीर बुलाती थीं, उनके रहने और खाने की व्यवस्था करती थीं, और फिर उन्हें ‘नया जीवन’ अपनाने के लिए प्रेरित करती थीं।

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ऑनलाइन गेम्स और डार्क वेब: युवाओं को फंसाने का खतरनाक तरीका

इस गैंग का तरीका बेहद सोच-समझकर चुना गया था। पहले ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म्स के जरिए युवाओं को जोड़ा जाता था। फिर डार्क वेब के ज़रिए उनके मन में भ्रम और असुरक्षा के बीज बोए जाते थे। जीवन की परेशानियों पर सहानुभूति जताकर उन्हें बौद्धिक और भावनात्मक रूप से कमजोर बनाया जाता था। इसके बाद धीरे-धीरे उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए राज़ी किया जाता था।

‘रिवर्टी’: धर्मांतरण के बाद मिलती थी नई पहचान

जो युवा इस जाल में फंसते थे, उन्हें ‘रिवर्टी’ कहकर पुकारा जाता था। उन्हें विभिन्न इस्लामिक जमातों में भेजा जाता था, जहां उन्हें इस्लामी शिक्षा और ‘नई ज़िंदगी’ के सिद्धांत सिखाए जाते थे। यह प्रक्रिया न केवल धार्मिक पहचान को बदलने की कोशिश थी, बल्कि युवाओं की सोच और निष्ठा को भी पूरी तरह प्रभावित करने का प्रयास था।

टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट निकला मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान

गिरफ्तार लोगों में अब्दुल रहमान नामक आरोपी सबसे ज्यादा चौंकाने वाला निकला। पुलिस के अनुसार वह 10 प्रोग्रामिंग भाषाओं का जानकार और डार्क वेब का एक्सपर्ट है। वह फिलिस्तीन को आर्थिक मदद भी भेजता था और उसके पाकिस्तानी नागरिकों और आतंकी संगठनों से भी संपर्क पाए गए हैं। यह इस बात का स्पष्ट संकेत है कि इस पूरे गिरोह के तार कहीं न कहीं आतंकवाद से भी जुड़े हैं।

क्या खतरे में है देश की आंतरिक सुरक्षा?

यह धर्मांतरण नेटवर्क सिर्फ व्यक्तिगत आस्था को प्रभावित करने की कोशिश नहीं, बल्कि देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा बन चुका है। देश की सामाजिक संरचना को कमजोर करने और युवाओं को मानसिक रूप से प्रभावित करने की यह एक सोची-समझी रणनीति थी।

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