अमरोहा में रेप केस का चौंकाने वाला मोड़, आरोपी ने पंचायत में गलती मानी और पीड़िता से निकाह कर लिया। लड़की के प्रेग्नेंट होने से खुला मामला, पुलिस शिकायत वापस, समाज में पंचायत के फैसले पर उठे सवाल।
अमरोहा। उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जिसने सभी को हैरान कर दिया है। रेप का मामला दर्ज होने के बाद आरोपी ने पंचायत में अपनी गलती स्वीकार की और पीड़िता से निकाह करने की सहमति दी। पंचायत ने मौके पर ही काजी को बुलाकर दोनों का निकाह पढ़वाया और लड़की को ससुराल के लिए विदा कर दिया।
यह मामला अमरोहा के डिडौली थाना क्षेत्र का है। दरअसल, यह वारदात ढाई महीने पहले की है, लेकिन तब इसकी किसी को खबर नहीं थी। मामला तब सामने आया जब पीड़िता की तबीयत खराब हुई और जांच में पता चला कि वह ढाई महीने की गर्भवती है।
चेहलुम के दिन हुई थी वारदात
पीड़िता ने पुलिस को बताया कि चेहलुम के दिन जब उसके घरवाले जुलूस देखने गए थे, वह घर पर अकेली थी। तभी आरोपी उसके घर में घुस आया और जबरन दुष्कर्म किया। लोकलाज के डर से उसने उस समय किसी को कुछ नहीं बताया। लेकिन गर्भ ठहरने के बाद मामला उजागर हुआ। जब परिवार ने आरोपी के घर जाकर बात की, तो उसने पहले धमकाया और उल्टा पीड़िता के परिजनों को जेल भिजवाने की धमकी दी। अंततः परिवार ने पुलिस में जाकर तहरीर दे दी।
पुलिस की कार्रवाई से घबराया आरोपी
पुलिस ने शिकायत मिलने के बाद कार्रवाई शुरू की। गिरफ्तारी के डर से आरोपी घबरा गया और पंचायत बुला ली। पंचायत में उसने अपनी गलती स्वीकार की और लड़की से शादी करने की बात कही। पंचायत में मौजूद लोगों की सहमति के बाद मौके पर ही काजी को बुलाया गया और दोनों का निकाह पढ़ा गया। निकाह के बाद लड़की के परिवार ने पुलिस में दी गई शिकायत वापस लेने की अर्जी दी और कहा कि अब वे इस मामले में कोई कानूनी कार्रवाई नहीं चाहते। पुलिस ने दोनों पक्षों से लिखित समझौता लेकर मामला बंद कर दिया है।
सामाजिक सवालों के घेरे में पंचायत का फैसला
इस पूरे मामले ने पंचायतों की भूमिका पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। एक तरफ जहां पीड़िता को न्याय की उम्मीद थी, वहीं दूसरी ओर मामला सामाजिक दबाव में निकाह के जरिए “सुलझा” दिया गया। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन ऐसे मामलों में क्या रुख अपनाता है।
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