Barabanki के अवशानेश्वर महादेव मंदिर में आधी रात करंट से मचा कोहराम! भीड़ में भगदड़, 2 की मौत और 29 घायल… क्या टूटा बिजली का तार और टिन शेड बना काल? हादसे के पीछे छिपी चूक या सिस्टम की लापरवाही? सच्चाई रोंगटे खड़े कर देगी!

Avshaneshwar Mahadev Current Shock: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में सावन के तीसरे सोमवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ अवशानेश्वर महादेव मंदिर में दर्शन के लिए पहुंची थी। इसी दौरान तड़के करीब 2 बजे मंदिर परिसर में अचानक करंट फैल गया, जिससे भगदड़ मच गई। हादसे में दो श्रद्धालुओं की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 29 से अधिक लोग घायल हो गए। इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।

हादसे का कारण: टूटे बिजली के तार और टिन शेड बना जानलेवा

डीएम शशांक त्रिपाठी ने बताया कि मंदिर परिसर में कुछ बंदरों ने बिजली के तार पर झूलते हुए उसे तोड़ दिया। वह बिजली के तार सीधे मंदिर परिसर के टिन शेड पर गिरा, जिससे पूरे क्षेत्र में करंट फैल गया। चूंकि सावन में मंदिर परिसर में लोहे के पाइप और टिन शेड लगाए गए थे, श्रद्धालु इन्हीं के संपर्क में आकर झुलस गए।

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चश्मदीदों का बयान: “करंट लगा और सब गिरने लगे”

घायल श्रद्धालुओं में से एक, शालिनी देवी ने बताया कि वह जल चढ़ाने मंदिर जा रही थीं, तभी अचानक करंट फैल गया। चारों ओर चीख-पुकार मच गई, लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे। कुछ लोग दबकर फंस गए, जिन्हें खींचकर बाहर निकाला गया।

मेडिकल रिपोर्ट: 29 घायल अस्पताल लाए गए, 2 की रास्ते में मौत

CMO डॉ. अवधेश यादव ने बताया कि हादसे में घायल 29 लोगों को हैदरगढ़ सीएचसी लाया गया। इनमें से दो की रास्ते में मौत हो गई, 10 को त्रिवेदीगंज CHC भेजा गया और एक को जिला अस्पताल रेफर किया गया। बाकी का इलाज कर उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया है।

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भीड़ का दबाव: हादसे के समय लाइन में 3000 से ज्यादा लोग

स्थानीय प्रशासन के मुताबिक, हर सावन सोमवार को मंदिर में करीब दो लाख लोग पहुंचते हैं। हादसे के समय करीब 3000 से ज्यादा श्रद्धालु कतार में खड़े थे, जिससे भगदड़ और बढ़ गई।

पहले भी हुआ हादसा: हरिद्वार में भी भगदड़, 8 की मौत

इस हादसे से कुछ ही घंटे पहले हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में भी भगदड़ की खबर आई थी, जिसमें 8 श्रद्धालुओं की मौत और 30 से अधिक घायल हुए थे। बाराबंकी का यह हादसा प्रशासनिक लापरवाही और मानसून में बिजली व्यवस्था की अनदेखी का नतीजा माना जा रहा है। घटना के बाद मंदिर क्षेत्र की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं और जांच जारी है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए अब स्थायी समाधान की मांग उठ रही है।