सार
उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी का कहना है कि अब मुस्लिम समुदाय वोट बैंक की तरह इस्तेमाल होना नहीं चाहता है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी (Danish Azad Ansari) ने निकाय चुनावों में बीजेपी के असाधारण प्रदर्शन का श्रेय मुस्लिम पसमांदा समुदाय तक पार्टी की पहुंच को दिया है। अंसारी ने कहा कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के पसमांदा समुदाय तक पहुंचने के निर्णय से असाधारण परिणाम मिले हैं।
बता दें कि मुस्लमानों में कम से कम 80 से 85 प्रतिशत लोग पसमांदा समुदाय (Pasmanda community) से आते हैं। ऐसे में उनका वोट काफी मायने रखता है। अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री ने स्वीकार किया कि पसमांदा समुदाय को प्रधानमंत्री आवास योजना और राशन योजना का लाभ मिला है।
दानिश अंसारी ने कहा वोट बैंक बनना नहीं चाहता मुसलमान
अंसारी ने कहा, "मुस्लिम समुदाय ने अब फैसला किया है कि वह केवल वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल नहीं होना चाहता। भारतीय जनता पार्टी के साथ जुड़ने का उनका निर्णय यह इशारा करता है कि वे विकास में विश्वास करते हैं।"
बड़ी संख्या में वोट करना आए पसमांदा मुसलमान
मंत्री ने आगे कहा कि उन्हें खुशी है कि पसमांदा मुस्लिम समुदाय के लोग बड़ी संख्या में वोट करने आए और बड़ी संख्या में मुस्लिम उम्मीदवारों की जीत में योगदान दिया उन्होंने कहा कि पार्टी ने इस बार अध्यक्ष पद के लिए 20 और पार्षद पद के लिए 300 मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा और इसके परिणाम भी बहुत उत्साहजनक रहे हैं।
सीएम के साथ अल्पसंख्यक राज्यमंत्री ने की थी चर्चा
अंसारी ने बताया कि दो महीने पहले उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पार्टी महासचिव धर्मपाल सैनी और प्रदेश पार्टी अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह से डिटेल चर्चा की थी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि वह उपयुक्त उम्मीदवारों की पहचान करेंगे। इसके बाद ही निकाय चुनाव में मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारने का फैसला किया गया था।
दानिश आजाद अंसारी ने जताया शीर्ष नेतृत्व का आभार
अंसारी ने कहा कि वह इतनी बड़ी तादाद में मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारने के लिए भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के शुक्रगुजार हैं। भाजपा नेता ने बताया कि अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने भी समुदाय तक पहुंचने के लिए कई कदम उठाए हैं। इसमें मदरसों में विज्ञान और आधुनिक शिक्षा की शुरुआत और मुस्लिम युवाओं के लिए रोजगार मेले आयोजित करना शामिल है।