सार

यूपी के लखनऊ में लोकसभा चुनाव में हुई भाजपा की हार को लेकर रविवार को कार्य​समिति की एक विशेष बैठक हुई। जिसमें भाजपा की हार की वजह सीएम योगी आदित्यनाथ ने आत्मविश्वास की कमी बताई।

 

लखनऊ. उत्तरप्रदेश में लोकसभा चुनाव में 62 की जगह भाजपा महज 33 सीटों पर सिमट गई। यहां अकेले सपा ने ही 33 सीटें जीती। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी चुनाव में हुई इस हार की समीक्षा में जुटी है। जिसके चलते रविवार को भाजपा कार्यसमिति की बैठक हुई। इस बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य सहित तमाम भाजपा से जुड़े हुए नेता मौजूद थे। जिन्होंने भाजपा की हार के संबंध में अपनी अपनी बात रखी।

आत्मविश्वास की कमी से हुई हार

सीएम योगी आदित्यनाथ ने बैठक में लोकसभा चुनाव में हुई भाजपा की हार को आत्मविश्वास की हार बताया। सीएम ने कहा कि जिस प्रकार विपक्ष ने सोशल मीडिया का उपयोग किया, वैसा हम काउंटर नहीं कर पाए। इस दौरान सीएम ने कार्यकर्ताओं को उपचुनाव में अपनी ताकत दिखाने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि हमें चैलेंज करने वाले लोग चाहिए। उन्होंने कहा कि देश में करीब 1500 पार्टियां है। लेकिन भाजपा अकेली पैन इंडिया पार्टी है। भाजपा अध्यक्ष ने भी अपने भाषण के दौरान आत्मविश्वास पर जोर दिया।

10 सीटों पर चुनाव

आपको बतादें कि यूपी में 10 सीटों पर उपचुनाव होना है। हालांकि अभी चुनाव के कार्यक्रम की तारीखों की घोषणा नहीं हुई है। लेकिन भाजपा सहित अन्य दलों ने चुनाव की तैयारियां तेज कर दी है। ऐसे में भाजपा भी लोकसभा चुनाव में हुई हार के बाद विधानसभा चुनाव में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है।

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पिछले चुनाव की अपेक्षा आधी सीटें

आपको बतादें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 62 सीटें हासिल की थी। लेकिन 2024 में सिर्फ 33 सीटों पर सिमट गई। ऐसे में भाजपा कार्यसमिति की बैठक में भविष्य को लेकर रोड मैप भी बनाया। इसी बीच ये चर्चा भी चल पड़ी कि संगठन और सरकार के बीच सब ठीक है या नहीं। इस मामले में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि संगठन सरकार से उपर होता है। कोई भी व्यक्ति या सरकार संगठन से बड़ा नहीं हो सकता है। उन्होंने इस दौरान कार्यकर्ताओं की समस्याओं के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा जो आपका दर्द है वो हमारा भी दर्द है।

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