सार
सीएए को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। खासकर मुसलिम समुदाय सीएए की खिलाफत कर रहा है। इस बीच ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के चीफ ने सीएए का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को इस कानून का समर्थन करना चाहिए।
बरेली। केंद्र सरकार ने एक दिन पहले ही सोमवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इसके बाद मुस्लिम समुदाय की ओर से विरोध के स्वर तेज हो गए हैं। इस बीच ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने अपने बयान में कहा है कि मुसलमानों को सीएए का स्वागत करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुसलमान भाई-बहनों को सीएए से घबराने की जरूरत नहीं है। इससे उनकी नागरिकता पर कोई भी असर नहीं पड़ेगा। वे भारतीय हैं और रहेंगे।
सीएए को लेकर मुस्लिम समाज में गलतफहमियां
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि सीएए कानून को लेकर मुस्लिम समाज में काफी सारी गलतफहमियां हो गई हैं जबकि यह सभी के हित के लिए है। उन्होंने कहा कि सीएए कानून को काफी पहले ही लागू कर दिया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि मैं इस कानून का स्वागत करता हूं। पहले धर्म के नाम पर प्रताड़ित किए जाने वाले पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत आने वाले गैर-मुसलमानों को नागरिकता देने का नियम नहीं था। अब उन्हें नागरिकता दी जा रही है तो ये अच्छी पहल है।
यह कानून नागरिकता छीन नहीं रहा, दे रहा
मौलाना शहाबुद्दीन ने मुसलमानों को जागरूक करते हुए कहा कि इस कानून से घबराने की क्या जरूरत है। यह कानून नागरिकता छीनने वाला नहीं बल्कि देने वाला है। ये बिना पहचान के रह रहे लोगों की भारत जैसे देश की पहचान देने वाला कानून है। इस कानून से भारत में रह रहे मुस्लिम समाज के लोगों की नागरिकता पर किसी भी तरह से कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसलिए सबको मिलकर इस कानून का स्वागरत करना चाहिए और अन्य लोगों को भी इस कानून के प्रति जागरूक करना चाहिए।