CM Yogi Adityanath Kanwar Yatra: मेरठ में कांवड़ियों पर पुष्पवर्षा करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने साफ संदेश दिया कि यात्रा के दौरान किसी भी तरह की हुड़दंग और तोड़फोड़ बर्दाश्त नहीं होगी, दोषियों की पहचान कर होगी सख्त कार्रवाई।

Kanwar Yatra 2025: श्रावण माह की आस्था और ऊर्जा से लबरेज कांवड़ यात्रा एक बार फिर चर्चा में है, लेकिन इस बार वजह सिर्फ श्रद्धा नहीं, बल्कि कानून व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्पष्ट संदेश भी है। रविवार को मेरठ पहुंचे सीएम योगी ने जहां एक ओर कांवड़ियों पर पुष्पवर्षा की, वहीं दूसरी ओर, हुड़दंग करने वालों को चेताया कि कानून को हाथ में लेने की इजाजत किसी को नहीं है।

पुष्पवर्षा के साथ मिला मुख्यमंत्री का आशीर्वाद

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का हेलीकॉप्टर शोभित यूनिवर्सिटी, मोदीपुरम में उतरा, जहां से वे सीधे दुल्हेड़ा चौकी के पास पहुंचे। यहां बने विशेष मंच से उन्होंने कांवड़ियों पर फूलों की वर्षा कर स्वागत किया। इस दौरान भारी संख्या में श्रद्धालु और भाजपा नेता मौजूद थे। मंच पर राज्यसभा सांसद डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेई, राज्यमंत्री डॉ. सोमेंद्र तोमर, पूर्व मंत्री पंडित सुनील भराला और कैंट विधायक अमित अग्रवाल जैसे कई नेता शामिल रहे।

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क्यों दी गई हुड़दंगियों को चेतावनी?

सीएम योगी ने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि कांवड़ यात्रा श्रद्धा का पर्व है, लेकिन इसमें अनुशासन भी उतना ही जरूरी है। उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार का हुड़दंग या सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सीसीटीवी कैमरों की मदद से उपद्रवियों की पहचान की जाएगी और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

पूर्व विधायक संगीत सोम को क्यों रोका गया?

इस दौरे में एक और दिलचस्प दृश्य देखने को मिला, जब शोभित यूनिवर्सिटी के बाहर पूर्व विधायक संगीत सोम को अंदर जाने से रोक दिया गया। सोम अपनी गाड़ी से भीतर प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें अनुमति नहीं दी। सोम कुछ देर तक बाहर खड़े रहे, फोन कॉल्स करते, और अंततः आगे बढ़ गए।

कांवड़ यात्रा जैसे बड़े धार्मिक आयोजन में श्रद्धा के साथ-साथ प्रशासनिक सतर्कता भी जरूरी है। मुख्यमंत्री के दौरे और पुष्पवर्षा ने जहां श्रद्धालुओं में उत्साह भरा, वहीं उनके सख्त निर्देशों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि इस बार नियम तोड़ने वालों पर कोई नरमी नहीं बरती जाएगी।

मुख्यमंत्री की चेतावनी और पुलिस-प्रशासन की तैयारी को देखते हुए साफ है कि इस बार कांवड़ यात्रा के दौरान अनुशासन को प्राथमिकता दी जाएगी। आने वाले दिनों में अन्य जिलों में भी ऐसी निगरानी और व्यवस्थाओं की उम्मीद की जा सकती है।

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