कोडिन युक्त कफ सिरप मामले में यूपी के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने समाजवादी पार्टी पर हमला बोला है। उन्होंने कोडिन माफिया से जुड़ी फोटो पर सवाल उठाते हुए जीरो टॉलरेंस नीति के तहत कार्रवाई का दावा किया।
नशीले कफ सिरप के खिलाफ चल रही कार्रवाई के बीच उत्तर प्रदेश की राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं। कोडिन युक्त कफ सिरप मामले में प्रदेश के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने समाजवादी पार्टी पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि कोडिन माफिया के साथ समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की फोटो सामने आई है, ऐसे में गोलमोल जवाब देने के बजाय उसकी हकीकत देश के सामने रखी जानी चाहिए।
जीरो टॉलरेंस नीति के तहत बड़ी कार्रवाई का दावा
शनिवार को शाहजहांपुर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए सुरेश खन्ना ने कहा कि योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत बड़े-बड़े लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि जो भी इस कांड में दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कानून के तहत कठोरतम कार्रवाई होगी, चाहे वह कितना ही प्रभावशाली क्यों न हो।
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कफ सिरप कांड पर सपा की चुप्पी पर सवाल
खन्ना ने समाजवादी पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा कि कफ सिरप के कारण देश के अलग-अलग हिस्सों में बच्चों की मौत हुई, लेकिन इस गंभीर मुद्दे पर सपा की ओर से कोई संवेदना या प्रतिक्रिया सामने नहीं आई। उन्होंने आरोप लगाया कि नशीले पदार्थों की बड़े पैमाने पर तस्करी हुई, जिससे जानें गईं, लेकिन सपा इस पर चुप रही।
गिरफ्तार आरोपियों के सपा से संबंध होने का दावा
कैबिनेट मंत्री ने दावा किया कि इस मामले में पकड़े गए लोगों का किसी न किसी रूप में समाजवादी पार्टी से संबंध सामने आया है। उन्होंने यह भी दोहराया कि उत्तर प्रदेश सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि प्रदेश में इस कफ सिरप से एक भी मौत नहीं हुई है। इसके बावजूद योगी सरकार ने बिना देर किए पूरे मामले में सख्त कार्रवाई की।
नशा मुक्त उत्तर प्रदेश सरकार का लक्ष्य
सुरेश खन्ना ने कहा कि सरकार का उद्देश्य नशा मुक्त उत्तर प्रदेश बनाना है, ठीक उसी तरह जैसे नशा मुक्त भारत का सपना देखा जा रहा है। उन्होंने बताया कि कोडिन युक्त कफ सिरप गंभीर खांसी के मरीजों के इलाज के लिए होता है और इसे केवल डॉक्टर की सलाह पर ही दिया जाना चाहिए। मेडिकल स्टोर संचालकों के लिए यह अनिवार्य है कि वे दवाओं की बिक्री का पूरा रिकॉर्ड रखें।
नेपाल और बांग्लादेश तक हुई तस्करी
खन्ना के मुताबिक, जांच में सामने आया कि कोडिन युक्त कफ सिरप की बड़े पैमाने पर तस्करी की गई। इसे नशे के उद्देश्य से नेपाल और बांग्लादेश भेजा गया। जो दवा मरीजों के इलाज के लिए थी, वही नशे का जरिया बन गई। इस गंभीर तथ्य को देखते हुए सरकार ने मामले की गहराई से जांच कराई।
एसआईटी गठित, 33 जिलों में एफआईआर
कैबिनेट मंत्री ने बताया कि एफएसडीए और पुलिस विभाग के सहयोग से विशेष जांच टीम का गठन किया गया है। पुलिस महानिरीक्षक (कानून-व्यवस्था) एल.आर. कुमार की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय एसआईटी इस पूरे मामले की जांच कर रही है। अब तक 33 जिलों में 140 फर्मों के खिलाफ बीएनएस और एनडीपीएस एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की जा चुकी है।
75 गिरफ्तार, 9.42 करोड़ का कफ सिरप सीज
सुरेश खन्ना ने जानकारी दी कि अब तक इस मामले में 75 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। कार्रवाई के दौरान 9.42 करोड़ रुपये मूल्य का कफ सिरप सीज किया गया है। इसके साथ ही 12,65,455 बोतल कोडिन युक्त कफ सिरप बरामद की गई हैं।
जांच आगे बढ़ने पर और होंगे खुलासे
खन्ना ने आश्वासन दिया कि जैसे-जैसे एसआईटी की जांच आगे बढ़ेगी, इसमें शामिल सभी लोगों को चिन्हित कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार किसी को भी बख्शने के मूड में नहीं है और दोषी चाहे किसी भी दल या रसूख से जुड़ा हो, कानून अपना काम करेगा।
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